'नहीं हुआ कोई नुकसान', पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने किया हवा में ही मार गिराया, आतंकिस्तान में भारी तबाही
पाकिस्तान द्वारा जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को भारतीय सेना ने SOP के तहत विफल कर दिया. कोई नुकसान नहीं हुआ. रक्षा मंत्रालय ने भारत की तैयारी और सतर्कता की पुष्टि की. हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में ब्लैकआउट लागू किया गया. सतवारी और सांबा पर दागी गई आठ मिसाइलें भी रोकी गईं. पंजाब में धमाकों की आवाज से दहशत फैली. सेना हालात पर नजर रखे हुए है और सीमाओं की निगरानी बढ़ा दी गई है.

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के तीन प्रमुख सैन्य ठिकानों जम्मू, पठानकोट और उधमपुर पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों की तेज़ और सटीक प्रतिक्रिया ने इन हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया. रक्षा सेवाओं द्वारा जारी एक आधिकारिक पोस्ट में बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित इन ठिकानों को निशाना बनाया गया था, मगर भारतीय सेना ने खतरे को वक्त रहते निष्क्रिय कर दिया.
SOP के अनुसार हुई कार्रवाई
भारतीय सेना के अनुसार, यह कार्रवाई पहले से तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत की गई. पोस्ट में कहा गया, "भारतीय सशस्त्र बलों ने गतिज (kinetic) और गैर-गतिज (non-kinetic) साधनों का प्रयोग कर हमलों को नाकाम किया. कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित हैं."
रक्षा मंत्रालय का बयान
रक्षा मंत्रालय ने भी एक बयान जारी करते हुए पुष्टि की कि पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम रहे. मंत्रालय ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की सतर्कता से किसी प्रकार की क्षति या जानहानि नहीं हुई.
सीमावर्ती राज्यों में ब्लैकआउट
हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई हिस्सों में सुरक्षा कारणों से ब्लैकआउट लागू कर दिया गया. यह कदम संभावित खतरे को देखते हुए उठाया गया ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
सतवारी और सांबा पर भी हुई कोशिशें
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जम्मू के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया क्षेत्रों पर कुल आठ मिसाइलें दागीं. लेकिन भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने उन्हें हवा में ही रोक लिया और कोई नुकसान नहीं होने दिया. इस हमले का उद्देश्य सैन्य ढांचों को नुकसान पहुंचाना था, जो विफल रहा.
पंजाब में लोग परेशान
पठानकोट, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल फैल गया. प्रशासन ने तुरंत ब्लैकआउट की घोषणा की और लोगों से आग्रह किया कि वे घर के अंदर ही रहें और सभी लाइटें बंद रखें.
सतर्क है भारतीय सेना
सेना और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त किया गया है और सीमावर्ती इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है. सेना की त्वरित प्रतिक्रिया ने एक बड़े खतरे को टाल दिया है और यह एक बार फिर साबित हुआ है कि भारत किसी भी आपात स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.