'पाकिस्तान PoK खाली कर दे, कश्मीर मुद्दे का समाधान हो जाएगा', लंदन में बोले एस जयशंकर
कश्मीर के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में हमने इसके अधिकांश मामलों को सुलझाने के लिए अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक अहम कदम था. फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. तीसरा कदम, जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात की, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाना, विकास और आर्थिक गतिविधि की बहाली और चुनाव कराना शामिल है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव का भी उन्होंने जिक्र किया. जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी चुनाव हुए हैं और सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. दरअसल, उन्होंने ये टिप्पणियां लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक द्वारा आयोजित "भारत का उदय और विश्व में भूमिका" सेशन में कीं.
कश्मीर मुद्दे पर क्या बोले जयशंकर?
कश्मीर के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में हमने इसके अधिकांश मामलों को सुलझाने के लिए अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक अहम कदम था. फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. तीसरा कदम, जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना, जिसमें बहुत अधिक मतदान हुआ है. मुझे लगता है कि जिस हिस्से का हम इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है, जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है. जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कश्मीर का हल हो जाएगा."
विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए शांति स्थापित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप को स्वीकार करेंगे. इस पर बोलते हुए जयशंकर ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को खारिज कर दिया और भारत के दृष्टिकोण का बचाव करते हुए कहा कि उसने स्वतंत्र रूप से स्थिति को संबोधित करने के लिए पहले ही निर्णायक कदम उठाए हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कई अन्य मुद्दों पर भी बात की. इनमें चीन के साथ संबंध, रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण, अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में डॉलर की भूमिका और इसके आसपास ब्रिक्स देशों की स्थिति शामिल थी.
डॉलर से लेकर ब्रिक्स देशों पर भी की चर्चा
जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि डॉलर को बदलने के लिए हमारी ओर से कोई नीति है. जैसा कि मैंने कहा, दिन के अंत में, रिजर्व मुद्रा के रूप में डॉलर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता का स्रोत है और अभी, हम दुनिया में जो चाहते हैं वह अधिक आर्थिक स्थिरता है. मैं पूरी ईमानदारी से यह भी कहूंगा कि मुझे नहीं लगता कि इस मामले पर ब्रिक्स की कोई एकीकृत स्थिति है. मुझे लगता है कि ब्रिक्स के सदस्य और अब जबकि हमारे पास और भी सदस्य हैं, इस मामले पर बहुत अलग-अलग राय रखते हैं. इसलिए यह सुझाव या धारणा कि डॉलर के मुकाबले ब्रिक्स की कोई एकीकृत स्थिति है, मुझे लगता है कि तथ्यों से मेल नहीं खाती. मेरे हिसाब से यह एक तरह से नियतिवादी है कि बहु-ध्रुवीयता है, बहु-ध्रुवीयता को खुद को मुद्रा बहु-ध्रुवीयता में बदलना होगा. ऐसा होना जरूरी नहीं है."
ट्रंप का कदम भारत के अनुकूल: जयशंकर
जयशंकर ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है जो भारत के हितों के अनुकूल है और दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं. यूके और आयरलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने कहा कि हम एक राष्ट्रपति और एक प्रशासन देखते हैं जो हमारी भाषा में, बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है और यह कुछ ऐसा है जो भारत के अनुकूल है."
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड गठबंधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के नजरिए से हमारा एक बड़ा संगठन क्वाड है, जो एक ऐसी समझ है जहां हर कोई अपना उचित हिस्सा अदा करता है. इसमें कोई मुफ्त सवार शामिल नहीं है. इसलिए यह एक अच्छा मॉडल है. व्यापार के मुद्दे पर जयशंकर ने पुष्टि की कि व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच चर्चा के बाद भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं.


