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'पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था', भारतीय सेना बोली- पाकिस्तान ने आतंकवाद को दिया समर्थन, हमने जवाब दिया

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों ने संयुक्त प्रेस वार्ता में जानकारी दी. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई और कार्रवाई को अपरिहार्य बताया. एयर मार्शल भारती ने पाकिस्तान की भूमिका की निंदा की और भारत की वायु रक्षा प्रणाली की तारीफ की.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी साझा की. यह सैन्य अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती, सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और नौसेना के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद शामिल हुए.

पाप का घड़ा भर चुका था

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आतंकवाद की बदलती प्रवृत्तियों पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अब आतंकवादी हमलों में सीधे आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है, जो एक खतरनाक बदलाव है. उन्होंने पहलगाम हमले को एक निर्णायक मोड़ बताते हुए कहा, “पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था,” और यही वह बिंदु था जब भारत को निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ी.

क्रिकेट से सैन्य रणनीति का उदाहरण

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने भारत की रक्षात्मक परतों को समझाने के लिए क्रिकेट का उदाहरण दिया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के दो महान तेज गेंदबाजों जेफ थॉम्पसन और डेनिस लिली का ज़िक्र करते हुए कहा, "अगर एक न पकड़े, तो दूसरा जरूर पकड़ेगा." इसी तरह, भारत की बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली हर खतरे को जवाब देने में सक्षम है.

पाकिस्तान की आक्रामकता पर वायुसेना की प्रतिक्रिया

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों का समर्थन करने का रास्ता चुना, जिससे भारत को मजबूरी में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की लड़ाई आतंकवाद और उसके ढांचे से है, न कि पाकिस्तान की सेना से.

भारत की वायु रक्षा प्रणाली की मजबूती

एयर मार्शल भारती ने भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली की प्रशंसा करते हुए बताया कि पाकिस्तान के ड्रोन और यूएवी हमलों को भारतीय वायु सेना ने प्रभावी ढंग से विफल किया. ‘आकाश’ जैसी प्रणाली और आईएएफ की एकीकृत एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि यह सफलताएं भारत सरकार के लगातार बजटीय और तकनीकी समर्थन के कारण संभव हुई हैं.

समुद्री सुरक्षा में नौसेना की तैयारियां

वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने समुद्री सुरक्षा की मजबूती पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि नौसेना चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है और वास्तविक समय में खतरों का जवाब देने के लिए सेंसर नेटवर्क का उपयोग कर रही है. उनका उद्देश्य है किसी भी समुद्री खतरे को दूर से ही पहचान कर निष्क्रिय करना.

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12 May 2025, 05:24 PM IST

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