IPS पूरन सुसाइड केस में बड़ी कार्रवाई, DGP से लेकर SP तक 14 बड़े अफसरों पर केस दर्ज
IPS Puran Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में बड़ा मोड़ आ गया है. चंडीगढ़ पुलिस ने वीरवार देर रात हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत 14 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. पूरन कुमार के आठ पन्नों के सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम दर्ज थे.

IPS Puran Suicide Case: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में बड़ा कदम उठाया गया है. लगातार उठ रही एफआईआर दर्ज करने की मांग के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात करीब 10:40 बजे हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत कुल 14 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम लिखे थे. इसी सुसाइड नोट के आधार पर सभी आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी-एसटी एक्ट की धाराएं 3(5) व 3(1)(आर) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
परिवार की चेतावनी के बाद हुई कार्रवाई
पीड़ित परिवार लंबे समय से एफआईआर की मांग कर रहा था और उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि जब तक सभी आरोपितों पर केस दर्ज नहीं होता, वे पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे. हरियाणा की आईएएस लॉबी भी इस मामले में आईएएस अमनीत पी कुमार (वाई पूरन कुमार की पत्नी) के समर्थन में खड़ी रही. कई वरिष्ठ अधिकारी वीरवार को उनके घर भी पहुंचे.
पहले यह कहा जा रहा था कि पूरन कुमार की बेटी अमेरिका से लौटने वाली हैं, जिसके कारण पोस्टमार्टम रोका गया था. हालांकि, बेटी के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी.
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ली रिपोर्ट
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस पूरे मामले में एडवोकेट जनरल से राय ली और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर डीजीपी शत्रुजीत कपूर से भी मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्राप्त की.
बता दें कि 7 अक्टूबर को वाई पूरन कुमार ने सेक्टर-11 स्थित अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मार ली थी. उनकी मौत से हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.
सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें वर्षों से जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था. जब भी उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, उन्हें प्रताड़ित और अपमानित किया गया. सुसाइड नोट में मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल थे, जिनमें दो पूर्व डीजीपी भी थे.
पत्नी ने दर्ज करवाई शिकायत
बुधवार को जापान से लौटने के बाद वाई पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत के आधार पर ही देर रात एफआईआर दर्ज की गई.
इन 14 अधिकारियों पर दर्ज हुआ केस
-
शत्रुजीत कपूर, डीजीपी हरियाणा
-
अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी
-
संजय कुमार, एडीजीपी (1997 बैच)
-
पंकज नैन, आईजीपी (2007 बैच)
-
कला रामचंद्रन, आईपीएस (1994 बैच)
-
संदीप खिरवार, आईपीएस (1995 बैच)
-
सिबाश कविराज, आईपीएस (1999 बैच)
-
मनोज यादव, पूर्व डीजीपी (1988 बैच)
-
पीके अग्रवाल, पूर्व डीजीपी (1988 बैच)
-
टीवीएसएन प्रसाद, आईएएस (1988 बैच)
-
नरेंद्र बिजारणिया, एसपी रोहतक
-
राजीव अरोड़ा, पूर्व एसीएस
-
कुलविंदर सिंह, आईजी मधुवन
-
माटा रवि किरन, एडीजीपी, करनाल रेंज
जांच में जुटी चंडीगढ़ पुलिस
एफआईआर दर्ज होने के बाद अब यह मामला चंडीगढ़ पुलिस की जांच के दायरे में आ गया है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस जल्द ही आरोपित अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर सकती है. प्रशासनिक हलकों और पुलिस विभाग में इस केस को लेकर गहरी हलचल बनी हुई है.


