30,000 से अधिक लोगों से 1500 करोड़ की ठगी, इन शहरों के लोग हुए सबसे ज्यादा शिकार
पिछले छह महीनों में निवेश घोटालों ने भारत के प्रमुख शहरों में 30,000 से अधिक लोगों को 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है. जिसमे बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली-NCR में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और इन शहरों में फाइनेंशियल लॉस भी सबसे अधिक हुई है.

नई दिल्ली: बीते छह महीनों में देशभर के प्रमुख शहरों में 30,000 से अधिक लोग निवेश धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, जिससे उनका 1,500 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हो गया है. गृह मंत्रालय की साइबर विंग की रिपोर्ट के अनुसार, इन धोखाधड़ी मामलों में अधिकांश पीड़ित व्यक्ति 30 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद इन घटनाओं के प्रमुख केंद्र बने हुए हैं.
भारत के साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की इस रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु सबसे ज्यादा वित्तीय नुकसान वाला शहर बनकर उभरा है, जहां कुल नुकसान का 26.38 प्रतिशत हुआ है. इन शहरों में साइबर अपराधियों द्वारा निवेशकों को धोखा देने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिकांश पीड़ित कार्यशील आयु वर्ग के लोग हैं, जिनकी आयु 30 से 60 वर्ष के बीच है, जो इन धोखाधड़ी मामलों का 76 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं.
बेंगलुरु, दिल्ली-NCR और हैदराबाद में बढ़ा धोखाधड़ी का खतरा
साइबर अपराधी इन शहरों को अपना मुख्य निशाना बना रहे हैं, और बेंगलुरु इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां 26.38 प्रतिशत नुकसान हुआ. इन शहरों में सक्रिय धोखाधड़ी के मामले निवेशकों की बढ़ती वित्तीय आकांक्षाओं का फायदा उठाने के लिए किये जाते हैं. विशेष रूप से, 30 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं, जो वित्तीय स्वतंत्रता और निवेश के अवसरों के लिए आकांक्षी होते हैं.
सीनियर सिटीजन हुए धोखाधड़ी शिकार
रिपोर्ट में बताया गया है कि सीनियर सिटीजन को सबसे अधिक इस धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा रहा है. 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लगभग 2,829 लोग (8.62 प्रतिशत) इन घोटालों का हिस्सा बने हैं. हालांकि, इन धोखाधड़ी मामलों में उच्च वित्तीय नुकसान देखा जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित को औसतन 51.38 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. इससे स्पष्ट होता है कि ये धोखाधड़ी योजनाएं कितना खतरनाक हैं.
दिल्ली में प्रति व्यक्ति नुकसान
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसतन 8 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जो अन्य शहरों की तुलना में सबसे अधिक है. साइबर अपराधी विभिन्न डिजिटल चैनलों का उपयोग करके इन धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, जिनमें मैसेजिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रमुख भूमिका निभाते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसी एप्लिकेशनें इन धोखाधड़ी गतिविधियों में 20 प्रतिशत के करीब उपयोग हो रही हैं.
कानूनी नेटवर्क के बजाय मैसेजिंग ऐप्स का बढ़ता उपयोग
रिपोर्ट के अनुसार नेटवर्क जैसे लिंक्डइन और ट्विटर का उपयोग इन धोखाधड़ी मामलों में बहुत कम हो रहा है, सिर्फ 0.31 प्रतिशत घटनाओं में इनका प्रयोग हुआ है. इसके बजाय, साइबर अपराधी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और सीधे बात कर के चैनलों का अधिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनका काम और भी आसान हो गया है. इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि धोखाधड़ी के सबसे बड़े प्लेटफार्म की श्रेणी अन्य है, जो कि 41.87 प्रतिशत मामलों को कवर करती है. इसका मतलब है कि धोखाधड़ी कई ऐसे प्लेटफार्मों पर हो रही हैं, जिन्हें अभी तक स्पष्ट रूप से पहचाना नहीं जा सका है.


