मानसिक तौर पर बीमार युवक के पेट से 300 रुपये के 33 सिक्के निकले, पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था अस्पताल
2017 की कई सांख्यिकीय रिपोर्टों के अनुसार, सामान्य आबादी का लगभग 1% हिस्सा सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित है। औसतन, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने का जोखिम अधिक होता है तथा उनमें महिलाओं की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण होने की संभावना होती है। अधिकांश रोगी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते। सहायता मांगने वाले लगभग 20% मामलों में ठीक होने की संभावना होती है।

घुमारवीं शहर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने 33 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार युवक के पेट से सर्जरी कर 300 रुपये मूल्य के 33 सिक्के निकाले हैं। इन सिक्कों का वजन 247 ग्राम पाया गया है। 31 जनवरी को पेट दर्द की शिकायत पर परिवार के सदस्य युवक को अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने मरीज पर कई परीक्षण किए, लेकिन पेट दर्द का सही कारण पता नहीं चल सका। इसके बाद एंडोस्कोपी की गई, जिसमें पता चला कि युवक के पेट में बड़ी संख्या में सिक्के फंसे हुए हैं। इसके बाद डॉ. अंकुश के मार्गदर्शन में ऑपरेशन किया गया। कार्रवाई के दौरान दो, दस और बीस रुपये के 33 सिक्के निकाले गए।
सिज़ोफ़्रेनिया से पीड़ित युवक
डॉ। अंकुश ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था। मरीज के चारों ओर सिक्के बिखरे हुए थे। ऑपरेशन थियेटर में सीआर की मदद से सिक्कों का स्थान निर्धारित किया गया और तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद सिक्कों को निकाला गया। डॉ. अंकुश ने बताया कि युवक सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से पीड़ित है। इसमें व्यक्ति का वास्तविकता से संबंध टूट जाता है। पीड़ित व्यक्ति भ्रम की स्थिति में असामान्य व्यवहार करने लगता है।
सिज़ोफ्रेनिया क्या है?
सिज़ोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है, जिसमें असामान्य सामाजिक व्यवहार और वास्तविकता को समझने में असमर्थता होती है। सिज़ोफ्रेनिया के लक्षणों में भ्रमित सोच, मतिभ्रम, गलत विश्वास, प्रेरणा की कमी और सामाजिक जीवन में गिरावट शामिल हैं। चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्तियों में आम हैं। प्रायः, सिज़ोफ्रेनिया के रोगी मादक द्रव्यों के सेवन के प्रति प्रवृत्त होते हैं।