भारत-पाक सीजफायर के बाद पीएम मोदी की हाई-लेवल बैठक, NSA-CDS समेत तीनों आर्मी के चीफ भी शामिल
India-Pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं.

India-Pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हैं. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को सीजफायर के बाद की सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है.
इस सीजफायर की घोषणा के बाद, भारत और पाकिस्तान दोनों के सैन्य ठिकानों पर तनाव में कमी आई है, जिससे दोनों देशों के बीच स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सीजफायर की घोषणा करते हुए कहा कि यह अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हो सका है. इस संवाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक नई दिशा की संभावना प्रकट हो रही है.
अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ संघर्षविराम
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यह ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की है. उनका यह कहना था कि यह सीजफायर अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हो सका. ट्रंप ने कहा, "यह शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसे अमेरिकी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप ही संभव बनाया गया है."
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की सराहना
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों के नेताओं की सराहना करते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शांति का मार्ग चुनने के लिए विवेक और राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया है." यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच शांति की एक नई उम्मीद जगा रहा है.
भारत-पाकिस्तान संघर्ष की गंभीर स्थिति
यह संघर्षविराम ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही थीं, जिससे स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण हो गई थी. दोनों देशों के बीच होने वाले इस संघर्ष का असर न केवल दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ा था, बल्कि पूरे क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा था.
सीजफायर के बाद की स्थिति
सीजफायर के बाद, दोनों देशों की सेनाओं के बीच हालात में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, स्थिति की निगरानी लगातार की जा रही है और दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संपर्क बनाए रखा जा रहा है. पीएम मोदी की बैठक में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं जो भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं.


