ऑपरेशन सिंदूर के बाद दिल्ली-मुंबई समेत कई राज्यों में मॉक ड्रिल, अंधेरे में डूबा देश
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरे देश में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की, जिसमें ब्लैकआउट, हवाई सायरन और निकासी अभ्यास शामिल थे. दिल्ली, मुंबई, पटना, सूरत, जयपुर जैसे शहरों में युद्ध जैसी स्थितियों का अनुकरण किया गया. गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकी खतरे और युद्धकालीन स्थितियों के लिए नागरिक और प्रशासनिक तैयारियों का परीक्षण करना था. यह कवायद ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की सतर्कता को दर्शाती है.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया. बुधवार को आयोजित इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी संभावित आपात स्थितियों में नागरिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया क्षमता को जांचना और परखना था. मॉक ड्रिल के तहत देश के कई हिस्सों में ब्लैकआउट किया गया और युद्धकालीन अलर्ट के अनुकरण किए गए.
प्रमुख शहरों में ब्लैकआउट अभ्यास
इस अभ्यास में दिल्ली, मुंबई, पटना, सूरत, पुणे, जयपुर, बेंगलुरु और शिमला जैसे शहर शामिल थे. दिल्ली में कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और अक्षरधाम मंदिर जैसे प्रमुख स्थानों पर कुछ समय के लिए बिजली बंद कर दी गई. इसी तरह मुंबई के क्रॉस मैदान, पटना का राजभवन और मुख्यमंत्री आवास, गुजरात के सूरत और मध्यप्रदेश के ग्वालियर में ब्लैकआउट अभ्यास किए गए.
गृह मंत्रालय का आदेश और उद्देश्य
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए थे कि वे "नए और जटिल खतरों" के खिलाफ अपनी तैयारियों की जांच करें. इसी के तहत इन अभ्यासों को अंजाम दिया गया. इस मॉक ड्रिल में ब्लैकआउट, हवाई हमले के सायरन, सामूहिक निकासी, नागरिकों की सुरक्षा प्रक्रिया, और सार्वजनिक प्रशिक्षण सत्र जैसे कदम शामिल थे. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि देश की प्रतिक्रिया प्रणाली संभावित युद्ध या आतंकवादी हमले की स्थिति में सक्षम और प्रभावी हो.
दिल्ली और मुंबई की तैयारियां
राजधानी दिल्ली में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) कार्यालय, सीपी, मोती नगर और खान मार्केट इलाकों में एक पूर्ण मॉक ड्रिल की गई. यहां आपातकालीन प्रक्रियाओं और ब्लैकआउट का वास्तविक अनुकरण किया गया. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में क्रॉस मैदान क्षेत्र को मॉक ड्रिल स्थल बनाया गया, जहां आपात प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल का परीक्षण किया गया. पुणे में काउंसिल हॉल में व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास चलाया गया.
अन्य राज्यों में भी चला अभ्यास
बिहार की राजधानी पटना में भी मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट किया गया. गुजरात के सूरत में युद्धकालीन ‘क्रैश ब्लैकआउट’ का अभ्यास हुआ, तो वहीं हिमाचल प्रदेश के शिमला में ब्लैकआउट का संकेत देने के लिए हवाई सायरन बजाए गए. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हल्सुरु झील पर अभ्यास हुआ और राजस्थान के जयपुर में एमआई रोड पर प्रशासनिक टीमों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया का अभ्यास किया.
ऑपरेशन सिंदूर: सैन्य कार्रवाई का आधार
इन मॉक ड्रिल्स का सीधा संबंध भारतीय सेना के हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" से जोड़ा जा रहा है. इस अभियान के अंतर्गत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को जानकारी दी कि यह अभियान आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई है. उन्होंने यह भी बताया कि खुफिया एजेंसियाँ लगातार अलर्ट पर हैं और आतंकी गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जा रही है.
संगठित और सतर्क भारत
भारत का यह मॉक ड्रिल अभियान यह संकेत देता है कि देश न केवल सीमापार आतंकवाद का जवाब देने में सक्षम है, बल्कि आंतरिक नागरिक सुरक्षा को लेकर भी सतर्क और तैयार है. ऐसे अभ्यासों से नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी और प्रशासनिक इकाइयों की प्रतिक्रिया क्षमता बेहतर होगी, जो किसी भी आपात स्थिति में अहम साबित हो सकती है.


