शूटिंग से लेकर शादी तक... 30 हजार करोड़ के सपने पर ब्रेक, आतंकवाद ने छीनी कश्मीर टूरिज्म की चमक
पहलगाम आतंकी हमले ने सिर्फ 26 मासूम टूरिस्टों की जान नहीं ली, बल्कि उस सपने पर भी पानी फेर दिया है, जो कश्मीर को 2030 तक 30,000 करोड़ रुपये की टूरिज्म इंडस्ट्री बनाने की दिशा में था. ये हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि लाखों कश्मीरियों के जीवन, सपनों और भरोसे पर सीधा वार है.

एक बार फिर आतंक ने कश्मीर की वादियों को दहला दिया है. पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला सिर्फ 26 मासूम पर्यटकों की जान नहीं ले गया, बल्कि राज्य की सबसे बड़ी आर्थिक रीढ़ पर्यटन उद्योग को भी गहरा झटका दे गया. इस घटना ने न सिर्फ श्रीनगर-पहलगाम में डर का माहौल पैदा किया, बल्कि टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी पर भी सीधा असर डाला है.
हर साल करोड़ों की संख्या में सैलानी श्रीनगर, गुलमर्ग, डल झील और पहलगाम जैसे स्थलों की ओर रुख करते हैं. इन सैलानियों की वजह से कश्मीर को हर साल हजारों करोड़ का राजस्व मिलता है. लेकिन आतंक की एक घटना ने इस चमकती तस्वीर को धुंधला कर दिया है.
12,000 करोड़ की इंडस्ट्री पर गहराया संकट
कश्मीर की पर्यटन उद्योग की मौजूदा वैल्यू करीब 12,000 करोड़ रुपये है, जो राज्य की GDP में 7 से 8 प्रतिशत तक का योगदान देती है. विशेषज्ञों का अनुमान था कि यह इंडस्ट्री 2030 तक 25,000 से 30,000 करोड़ तक पहुंच सकती है, लेकिन पहलगाम में हुए ताज़ा आतंकी हमले ने इस विकास यात्रा को तगड़ा झटका दे दिया है.
2.5 लाख लोगों की रोज़ी पर खतरा
पर्यटन से सीधा या परोक्ष रूप से जुड़े लगभग 2.5 लाख लोग जैसे- होटल स्टाफ, टैक्सी ड्राइवर, टूर गाइड, हाउस बोट संचालक और हस्तशिल्प व्यापारी अब अनिश्चित भविष्य की ओर देख रहे हैं. डल झील की 1500 से ज्यादा हाउस बोट और 3000 से अधिक होटल रूम अब खाली पड़े हैं. हमले के बाद बुकिंग्स में अचानक कैंसिलेशन की बाढ़ आ गई है, जिससे यह उद्योग ठप पड़ता नजर आ रहा है.
पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा
2024 में कश्मीर ने रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटकों का स्वागत किया, जिनमें 65,000 से ज्यादा विदेशी सैलानी थे. गुलमर्ग ने अकेले 103 करोड़ रुपये का राजस्व दिया. लेकिन अब वही गुलमर्ग, डल झील, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे लोकप्रिय स्थल वीरान होते जा रहे हैं. डर और अनिश्चितता ने वहां के माहौल को बदल दिया है.
बॉलीवुड और वेडिंग टूरिज्म को भी झटका
कश्मीर न सिर्फ सैलानियों का पसंदीदा गंतव्य है, बल्कि यह लंबे समय से बॉलीवुड और ओटीटी प्रोडक्शन की भी पहली पसंद रहा है. डेस्टिनेशन वेडिंग्स की बढ़ती मांग ने भी यहां टूरिज्म को नई ऊंचाइयां दी थीं. मगर हमले के बाद कई फिल्म यूनिट्स और वेडिंग प्लानर्स ने शूटिंग और इवेंट कैंसल कर दिए हैं.
विकास योजनाओं पर भी असर
केंद्र सरकार कश्मीर के पर्यटन विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना पर काम कर रही थी. एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा था, वंदे भारत ट्रेन लॉन्च होने वाली थी, और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऑन-अराइवल वीज़ा की योजना भी चलाई जा रही थी. 75 नए पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे थे. लेकिन पहलगाम हमला इन सभी विकास प्रयासों पर पानी फेरता नजर आ रहा है.
पहलगाम का हमला
पहलगाम का हमला केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, यह कश्मीर के लाखों आम लोगों के पेट पर भी चोट है. अब यह वक्त है कि देश आतंक के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो, ताकि कश्मीर फिर से मुस्कुरा सके और दुनिया के नक्शे पर एक बार फिर स्वर्ग के रूप में चमक सके.


