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ओडिशा के KIIT में एक और नेपाली छात्रा मृत मिली, 90 दिनों में दूसरा मामला, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने साधी चुप्पी

भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में गुरुवार शाम एक नेपाली छात्रा का शव छात्रावास में फंदे से लटका मिला. मृतका कंप्यूटर साइंस की प्रथम वर्ष की छात्रा थी और नेपाल के बीरगंज की निवासी थी. घटना ने विश्वविद्यालय परिसर और अंतरराष्ट्रीय छात्र समुदाय में सनसनी फैला दी है. यह तीन महीनों के भीतर दूसरी नेपाली छात्रा की संदिग्ध मौत है, जिससे सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के छात्रावास में गुरुवार शाम एक नेपाली छात्रा मृत पाई गई. छात्रा कंप्यूटर साइंस में प्रथम वर्ष की बी.टेक की छात्रा थी और नेपाल के बीरगंज की निवासी थी. पुलिस के अनुसार, छात्रा का शव उसके कमरे में छत के पंखे से लटका मिला. यह घटना विश्वविद्यालय परिसर स्थित गर्ल्स हॉस्टल में घटी.

पुलिस जांच जारी, आत्महत्या की आशंका

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची. भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सुरेश देव दत्ता सिंह ने पुष्टि की कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और अभी इसे संदिग्ध आत्महत्या के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच के लिए सभी आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए जा चुके हैं.

तीन महीनों में दूसरी नेपाली छात्रा की मौत

यह मामला विशेष चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि पिछले तीन महीनों में KIIT में यह दूसरी नेपाली छात्रा की मौत है. फरवरी में तीसरे वर्ष की छात्रा प्रकृति लमसाल अपने छात्रावास में मृत पाई गई थीं. उस मामले में यौन उत्पीड़न की शिकायत और प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर तीखा विरोध हुआ था.

विदेश मंत्रालय और नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्रालय ने छात्रा की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है और कहा है कि ओडिशा सरकार के साथ समन्वय बनाकर परिवार को पूरी सहायता दी जा रही है. मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि भारत सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और कल्याण को गंभीरता से लेता है. नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत सरकार और ओडिशा प्रशासन से पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर संपर्क किया गया है.

छात्र संगठनों का विरोध, निष्पक्ष जांच की मांग

इस घटना के बाद छात्र संगठनों में रोष व्याप्त है. अखिल भारत नेपाली एकता समाज और एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है. छात्रों ने इसे संस्थागत विफलता और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उदासीनता का परिणाम बताया है.

विश्वविद्यालय की चुप्पी, परिसर में बढ़ाई गई सुरक्षा

घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. उधर, हॉस्टल के पास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. कुछ छात्र समूह मानसिक स्वास्थ्य सहायता, बेहतर शिकायत निवारण प्रणाली और सुरक्षित वातावरण की मांग को लेकर इकट्ठा हो रहे हैं.

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02 May 2025, 05:16 PM IST

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