10 की मौत, कई लापता... हिमाचल में बाढ़ और बादल फटने से भारी तबाही, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं ने तबाही मचा दी है. मंडी जिले में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं. अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग लापता हैं. बचाव टीमें अब तक राज्यभर से 332 लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी हैं.

Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले समेत कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश, बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने जबरदस्त तबाही मचाई है. अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं. राज्य के विभिन्न इलाकों में 332 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है.
राज्यभर में 406 सड़कें बंद पड़ी हैं, सैकड़ों ट्रांसफॉर्मर ठप हो गए हैं और कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. मंडी जिले में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं, जहां अकेले 248 सड़कें बंद हैं और भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
मंडी में सबसे ज्यादा तबाही
मंडी जिला मंगलवार को सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा, जहां 11 बादल फटने की घटनाएं, चार फ्लैश फ्लड और एक बड़ा भूस्खलन दर्ज किया गया. सोमवार शाम से अब तक मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से कई गुना अधिक है. प्रशासन के मुताबिक, मंडी से अब तक 316 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.
जान-माल का बड़ा नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. मंडी जिले में 994 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. बाढ़ और भूस्खलन से 30 मवेशियों की भी मौत हुई है.
अलग-अलग स्थानों से मिलीं मौतों की खबरें
मौतों की खबरें मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों से सामने आई हैं गोहर में पांच, ओल्ड करसोग बाज़ार, थुनाग, पांडव शीला, धर जरोल और जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
लापता लोगों की तलाश जारी
मंडी के डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने कहा, "रेस्क्यू टीमें, पुलिस और होम गार्ड्स लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है."
मंडी की सभी प्रमुख नदियां और नाले उफान पर हैं. पंडोह डैम का जलस्तर खतरे के निशान 2,941 फीट के करीब पहुंच गया था, जिसके चलते वहां से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद
चंडीगढ़-मनाली फोर-लेन हाईवे पर नौ मील, द्वाड़ा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. कामांद-कटौला-बजौरा वैकल्पिक मार्ग केवल हल्के वाहनों के लिए ही खुला है, जिससे यात्रा में भारी दिक्कतें आ रही हैं.
हमीरपुर और चंबा में भी बचाव कार्य जारी
हमीरपुर के बल्लाह गांव से ब्यास नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद 51 लोगों को बचाया गया, जिनमें 30 मजदूर शामिल थे. यहां कई कच्चे मकान, पानी की पाइपलाइन और बिजली के तार भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. सुजानपुर टीरा-संधोल रोड के हिस्से अब भी जलमग्न हैं.
मंडी और हमीरपुर जिलों में मंगलवार को स्कूल बंद रखे गए, लेकिन कई छात्र पहले ही स्कूल पहुंच चुके थे, जिससे अभिभावकों में चिंता देखी गई.
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार के लिए कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में भारी से बहुत भारी बारिश, गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बाकी राज्य के लिए 5 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी है. चंबा, हमीरपुर, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन में अगले 24 घंटों के दौरान फ्लैश फ्लड का खतरा बताया गया है.
मुख्यमंत्री ने बताया 500 करोड़ का नुकसान
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि "20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक राज्य को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है." उन्होंने बढ़ते बादल फटने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए लोगों से नदियों और नालों के किनारे न जाने की अपील की.


