कांग्रेस का दावा- सूचना साझा न करने के कारण अडानी मामले में सेबी की जांच रुकी
कांग्रेस ने अडानी समूह पर साइप्रस से जुड़े फंड के जरिए संदिग्ध निवेश का आरोप लगाया है. पार्टी का दावा है कि सेबी जांच टैक्स हेवन देशों की चुप्पी और भारत सरकार के निष्क्रिय रवैये से बाधित हो रही है. प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा पर भी कांग्रेस ने कटाक्ष किया, जिससे राजनीतिक विवाद और गहरा गया है.

कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को अडानी समूह से जुड़े विवादास्पद लेन-देन को लेकर एक नया आरोप लगाया. पार्टी ने दावा किया कि अडानी घोटाले से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति के पास साइप्रस की नागरिकता है. साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि सेबी की जांच टैक्स हेवन देशों की सूचना न देने और भारत सरकार के पर्याप्त दबाव न डालने के कारण प्रभावित हो रही है.
साइप्रस यात्रा पर कांग्रेस का कटाक्ष
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा को संदिग्ध रूप से इस मुद्दे से जोड़ा. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री साइप्रस होकर कनाडा जा रहे हैं. वह चाहेंगे कि हम इसे संयोग मानें कि अडानी घोटाले के एक प्रमुख व्यक्ति के पास साइप्रस की नागरिकता है."
साइप्रस स्थित फंड और अडानी कनेक्शन
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि साइप्रस के एक निवेश फंड "न्यू लीना" के पास अडानी समूह की कंपनियों में लगभग 420 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश है. उनका दावा था कि इस फंड के अंतिम लाभकारी मालिक अमीकॉर्प से जुड़े हुए हैं – एक ऐसा नाम जिसे अडानी समूह की कई ऑफशोर कंपनियों के साथ जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि अमीकॉर्प ने कथित रूप से सात अडानी प्रमोटर कंपनियों, श्री विनोद अडानी से जुड़ी 17 शेल कंपनियों और मॉरीशस स्थित तीन निवेशकों की स्थापना में भूमिका निभाई.
सेबी की जांच
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि ये सभी निवेश और ट्रांजेक्शन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच के दायरे में हैं. लेकिन जांच में प्रगति इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि टैक्स हेवन देश जरूरी वित्तीय जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं, और भारत सरकार की ओर से भी इस दिशा में पर्याप्त दबाव नहीं बनाया जा रहा है.
अडानी समूह की प्रतिक्रिया
हालांकि अडानी समूह ने इस आरोप पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन पूर्व में वह कांग्रेस और अन्य संस्थाओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत और आधारहीन बता चुका है. समूह ने यह भी कहा है कि वह भारतीय कानूनों और सभी खुलासों की आवश्यकताओं का पालन करता है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बढ़ा राजनीतिक घमासान
गौरतलब है कि अडानी समूह पर कांग्रेस का हमला तब तेज हुआ जब अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने समूह पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर करने का आरोप लगाया था. इसके बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई.
भारत-साइप्रस संबंधों पर भी टिप्पणी
रमेश ने यह भी याद दिलाया कि भारत ने 1950 के दशक में साइप्रस के उपनिवेशवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई थी. उन्होंने कहा कि यह भारत की ऐतिहासिक भूमिका का उदाहरण है, हालांकि आज की परिस्थितियों में इसके मायने और भी गहरे हो सकते हैं.
प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस को भारत का भरोसेमंद साझेदार बताया और दोनों देशों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने की बात कही. उन्होंने निकोसिया में साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से मुलाकात के दौरान व्यापार और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की.


