कांग्रेस नेता ने RSS को बताया 'भारतीय तालिबान', PM मोदी के भाषण पर साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले के भाषण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए RSS को भारतीय तालिबान कहा. हरिप्रसाद ने संगठन की वित्तीय पारदर्शिता और इतिहास पेश करने के तरीके पर भी सवाल उठाए.

Congress Leader Calls RSS Indian Taliban: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद बीके हरिप्रसाद ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को भारतीय तालिबान करार देते हुए कहा कि मोदी ने ऐसे संगठन की प्रशंसा की है, जो देश में शांति भंग करने की कोशिश करता है.
हरिप्रसाद का यह बयान उस समय आया है जब प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा NGO बताते हुए राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान की सराहना की थी. लेकिन कांग्रेस नेता का आरोप है कि RSS न तो पंजीकृत संगठन है और न ही इसकी वित्तीय पारदर्शिता साफ है.
#WATCH | On PM Modi mentioning RSS in his I-day speech, Congress leader BK Hariprasad says, "BJP and RSS are the masters of twisting history and they are trying to rewrite the history. It was Syama Prasad Mookerjee who moved first resolution in Bengal for Partition. Jinnah and… pic.twitter.com/tNbeAIxQmG
— ANI (@ANI) August 16, 2025
RSS को बताया भारतीय तालिबान
कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा, "आरएसएस देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि RSS भारतीय तालिबान है और प्रधानमंत्री लाल किले से उनकी प्रशंसा कर रहे हैं."
मीडिया से बात करते हुए हरिप्रसाद ने आरएसएस की फंडिंग पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "क्या आजादी की लड़ाई में कोई संघी शामिल हुआ था? यह शर्म की बात है कि RSS एक रजिस्टर्ड संगठन नहीं है. हमें नहीं पता कि उन्हें फंड कहां से मिलते हैं. देश में कोई भी NGO काम करना चाहता है तो उसे संविधान के अनुसार रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है."
इतिहास को लेकर BJP-RSS पर हमला
कांग्रेस नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री एके फजलुल हक ने विभाजन का पहला प्रस्ताव रखा था और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी उसके पक्षधर थे. हरिप्रसाद ने कहा, "BJP और RSS इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के उस्ताद हैं. वे कांग्रेस को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि जिन्ना और सावरकर अलग देश की मांग के पक्ष में थे."
PM मोदी ने की थी RSS की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने संबोधन में कहा था कि आरएसएस ने पिछले 100 वर्षों से राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने स्वयंसेवकों के त्याग और मां भारती के लिए उनके आजीवन समर्पण की सराहना की थी. पीएम मोदी ने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया था.


