मुंबई में फिर बढ़े COVID-19 के मामले, जानिए नए वैरिएंट के लक्षण
COVID-19 Mumbai: मुंबई में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. मई महीने में अचानक मामलों में उछाल आने के बाद बीएमसी ने निगरानी और टेस्टिंग तेज कर दी है. वहीं, ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान ने चिंता बढ़ा दी है.

COVID-19 Mumbai: मुंबई में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दी है. बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने शहर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर निगरानी और टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज कर दी है. कोरोना के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है.
कोरोना का नया सब-वैरिएंट JN.1 अब भारत में भी दस्तक दे चुका है. सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है. मुंबई में मई के महीने में 120 मामलों के साथ मामलों में अचानक उछाल आया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है.
बीएमसी ने बढ़ाई निगरानी
बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के साथ-साथ ILI (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) की निगरानी भी की जा रही है. जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, उनकी तुरंत जांच कराई जा रही है और पॉजिटिव मरीजों का इलाज तय प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी पॉजिटिव नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि नए वैरिएंट की पहचान की जा सके और इलाज की रणनीति तैयार की जा सके. महाराष्ट्र से भेजे गए सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और बी.जे. मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.
सह- संक्रमण के मामले भी आए सामने
बीएमसी के अनुसार, कई मामलों में मरीजों में H3N2 और अन्य श्वसन वायरस के साथ सह-संक्रमण (co-infection) पाया गया है. इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं में विशेष निगरानी की जा रही है. मृत्यु रिपोर्ट की भी गहनता से ऑडिट की जा रही है.
मुंबई में मई में सबसे ज्यादा मामले
मुंबई में जनवरी और फरवरी में 1-1 केस, मार्च में कोई केस नहीं, अप्रैल में 4 केस और मई में 120 केस दर्ज किए गए हैं. अब तक कुल 2146 मरीजों में से अधिकांश रिकवर हो चुके हैं. मुंबई के KEM अस्पताल ने कोविड से जुड़ी दो मौतों की पुष्टि की है, जिससे स्थानीय स्तर पर सतर्कता बढ़ गई है.
देशभर में भी हल्की बढ़त
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक देश में कुल 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. केरल में सबसे अधिक 69, महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 मामले सामने आए हैं. अन्य राज्य जैसे कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में भी नए केस सामने आए हैं.
हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने बताया कि देश की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. समय पर जांच, ट्रैकिंग और निगरानी के चलते खतरे को फैलने से रोका गया है.
JN.1 वैरिएंट के लक्षण और खतरे
JN.1 वैरिएंट, ओमिक्रॉन का एक नया रूप है जिसमें स्पाइक प्रोटीन में अतिरिक्त म्यूटेशन देखा गया है. यह वायरस को इंसानी कोशिकाओं से जुड़ने और उनमें प्रवेश करने में मदद करता है. इसकी संक्रामकता अधिक है और यह आसानी से फैलता है.
इस वैरिएंट में संक्रमण के लक्षण हल्के से मध्यम हो सकते हैं और बीमार व्यक्ति एक से दो हफ्तों में ठीक हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में बीमारी महीनों तक बनी रह सकती है. कई लोग बिना लक्षणों के भी संक्रमित हो सकते हैं, जो इसे और अधिक खतरनाक बनाता है.
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है, "अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और कोविड-उपयुक्त व्यवहार बेहद ज़रूरी है." खासकर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
सिंगापुर में साप्ताहिक मामलों में 28% की वृद्धि और हांगकांग में एक साल में सबसे अधिक 31 मौतें दर्ज की गई हैं. इस पर विशेषज्ञों ने भारत को चेतावनी दी है कि कोताही न बरतें और सावधानी जारी रखें.