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चुनावी फंडिंग पर संकट! 73% पार्टियों ने नहीं दी आय का हिसाब, ADR की रिपोर्ट से मचा बवाल

देश की सियासत में एक बार फिर वित्तीय पारदर्शिता को लेकर बहस तेज हो गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की नई रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि भारत के पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की घोषित आय में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 223 प्रतिशत की चौंकाने वाली बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत में गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की घोषित आय में वर्ष 2022-23 के दौरान 223 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है. यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट में हुआ है. हालांकि, चिंताजनक तथ्य यह है कि इनमें से 73% से अधिक दलों ने अपनी वित्तीय जानकारी सार्वजनिक नहीं की है, जिससे इन पार्टियों की पारदर्शिता और चुनाव आयोग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

ADR ने 22 राज्यों के 739 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की वार्षिक रिपोर्टों का विश्लेषण किया, जिनमें से अधिकांश के ऑडिट या चंदा रिपोर्ट संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध थे. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि इन दलों में से बड़ी संख्या ने अपनी वित्तीय स्थिति सार्वजनिक नहीं की, बावजूद इसके इनकी आय में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है.

आय में बेतहाशा वृद्धि

रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में कुल 2,025 राजनीतिक दलों (73.26%) की ऑडिट और योगदान रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थी. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में सबसे अधिक दलों ने अपनी रिपोर्टें सार्वजनिक की हैं, जबकि पंजाब, उत्तराखंड और गोवा जैसे राज्यों में एक भी पार्टी की वित्तीय जानकारी उपलब्ध नहीं है.

गुजरात सबसे आगे

गुजरात की पार्टियों ने कुल ₹1,158.115 करोड़ की आय घोषित की है, जो शीर्ष 10 पार्टियों की कुल आय का 73.22% हिस्सा है. इनमें से पांच पार्टियां अकेले गुजरात से हैं. भारतिया नेशनल जनता दल ने ₹576.458 करोड़ की सबसे अधिक आय घोषित की है, जो एक रिकॉर्ड है. 2019-20 से 2023-24 तक की अवधि में भारतिया नेशनल जनता दल ने ₹957.445 करोड़ की आय दिखाई. इसी तरह, सत्यवादी रक्षक पार्टी ने ₹416.233 करोड़ की आय घोषित की, जिसमें FY 2023-24 में ₹330.555 करोड़ का उछाल देखा गया.

99.99% आय चंदे से, बड़े डोनर पर निर्भरता

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इन दलों की 99.99% आय दान से आई, जिनमें से 93.56% चंदे ₹20,000 से अधिक की राशि के थे. यह राष्ट्रीय पार्टियों से बहुत अधिक है, जहां केवल 33% आय ऐसे बड़े दाताओं से आती है. क्षेत्रीय दलों में यह आंकड़ा और भी कम, सिर्फ 14% है.

अचानक से करोड़ों की आमदनी

कुछ पार्टियों ने पहले की वर्षों में कोई आय नहीं दिखाई, लेकिन अचानक एक या दो वर्षों में करोड़ों की आमदनी रिपोर्ट की. उदाहरण के लिए, आम जनमत पार्टी की आय ₹8,000 से बढ़कर FY 2022-23 में ₹220.36 करोड़ पहुंच गई. वहीं, सौराष्ट्र जनता पक्ष ने भी दो वर्षों तक शून्य आमदनी के बाद ₹131.31 करोड़ की आय दिखाई.

ADR की सिफारिशें

ADR ने चुनाव आयोग से सिफारिश की है कि वह बड़ी आय घोषित करने वाले लेकिन चुनाव न लड़ने वाले गैर-मान्यता प्राप्त दलों की नियमित जांच करे. इसके अलावा, पांच साल से निष्क्रिय दलों को सूची से हटाने, टैक्स छूट से पहले वित्तीय जानकारी अनिवार्य करने और राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जानकारी 24 घंटे के भीतर प्रकाशित करने की मांग की गई है.

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19 July 2025, 12:49 PM IST

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