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सीआरपीएफ जवान पाकिस्तान के लिए करता था जासूसी, NIA ने दिल्ली से किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट को दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था. जवान पर जासूसी और धन प्राप्त करने के गंभीर आरोप हैं. यह गिरफ्तारी पहलगाम हमले के बाद एजेंसियों की बढ़ी सतर्कता का हिस्सा है. एनआईए ने बताया कि उत्तर भारत में एक सक्रिय पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क की जांच जारी है, जिसमें सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग भी संदिग्ध हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार जवान की पहचान मोती राम जाट के रूप में की गई है, जिसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. NIA की जांच में सामने आया कि मोती राम जाट 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIOs) के संपर्क में था और उन्हें सैन्य और सुरक्षा संबंधी गोपनीय जानकारियां भेज रहा था.

क्लासिफाइड जानकारी के बदले लेता था पैसा

एजेंसी ने अपने बयान में बताया, “आरोपी मोती राम जाट जासूसी गतिविधियों में संलिप्त था और पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी वर्गीकृत जानकारी नियमित रूप से भेज रहा था. वह विभिन्न डिजिटल माध्यमों से PIOs से धन भी प्राप्त कर रहा था.” NIA ने उसे गिरफ्तार कर पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 6 जून तक हिरासत में भेज दिया गया है. पूछताछ अभी जारी है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ी चौकसी

इस गिरफ्तारी का सीधा संबंध हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ती सतर्कता से भी जोड़ा जा रहा है. एजेंसियों ने पाकिस्तान के साथ संदिग्ध संपर्क रखने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है. पिछले पंद्रह दिनों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 12 से अधिक व्यक्तियों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि उत्तर भारत में पाकिस्तान से जुड़ा एक बड़ा जासूसी नेटवर्क सक्रिय है.

ज्योति मल्होत्रा समेत कई सोशल मीडिया हस्तियां भी जांच के घेरे में

एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि कई यूट्यूबर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर इस नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं. इसमें सबसे चर्चित नाम ज्योति मल्होत्रा का है, जो यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर बड़ी फॉलोइंग रखती हैं (3.77 लाख यूट्यूब सब्सक्राइबर और 1.33 लाख इंस्टाग्राम फॉलोअर्स). उन पर आरोप है कि वह नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ‘दानिश’ के संपर्क में थीं. इसी तरह पंजाब की गुज़ाला (उम्र 31) भी जासूसी नेटवर्क में संलिप्त पाई गई हैं.

सोशल मीडिया बन रहा खुफिया जानकारी लीक करने का जरिया

हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, “हम यह पता लगाने के लिए गहन जांच कर रहे हैं कि क्या अन्य लोग भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं. कई यूट्यूब चैनलों की गतिविधियां संदिग्ध लग रही हैं.” इस बात से चिंता बढ़ गई है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भारत के अंदर जानकारी एकत्र करने और जासूसी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं.

NIA की आगामी रणनीति और अलर्ट

एनआईए अब इस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है. जांच एजेंसी का मानना है कि भारत में मौजूद कुछ लोग जानबूझकर या लालचवश पाकिस्तानी एजेंसियों के जाल में फंस जाते हैं और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं. आगामी दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की विशेष निगरानी की जा रही है.

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26 May 2025, 02:42 PM IST

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