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दिवाली बाद दिल्ली में प्रदूषण का बम, AQI@400 पार, कई इलाकों में आसमान में छाई धुंध की चादर

Delhi air pollution: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट की समय-सीमा के बावजूद रातभर पटाखे चलाए गए, जिससे AQI कई इलाकों में 400 पार हो गया. GRAP-2 लागू होने के बावजूद हालात नहीं सुधरे, और लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Delhi air pollution: दिवाली के उत्सव के बाद दिल्लीवासियों को वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में सोमवार रात पटाखों की तेज आवाज और धुएं ने हवा को इतना जहरीला बना दिया कि सुबह उठते ही लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी.

पटाखों ने बिगाड़ी हवा की गुणवत्ता

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को केवल दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक जलाने की अनुमति दी थी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे काफी अलग रही. शहर के कई हिस्सों में रातभर पटाखे चलते रहे. इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई.

36 में से 36 स्टेशन रेड जोन में

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की SAMEER ऐप के अनुसार, दिल्ली के 38 में से 36 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने हवा को ‘रेड जोन’ में दर्ज किया है. इसका मतलब है कि इन स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर और कई जगहों पर 400 के पार चला गया. मंगलवार सुबह 6 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 347 था, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है.

दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों में AQI स्तर

  • बवाना – 418
  • वजीरपुर – 408
  • जहांगीरपुरी – 404
  • आईटीओ – 345
  • आया नगर – 349
  • चांदनी चौक – 347
  • आनंद विहार – 352
  • नोएडा – 324
  • ग्रेटर नोएडा – 288
  • गाजियाबाद – 326
  • गुरुग्राम – 338

इन आंकड़ों से साफ है कि न केवल दिल्ली, बल्कि आसपास के शहरों में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है.

GRAP-2 के लागू होने के बावजूद हालात खराब

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए आयोग ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का दूसरा चरण लागू किया है. इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध और सड़कों की पानी से धुलाई जैसे उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन दिवाली की रात भारी मात्रा में पटाखे चलने से ये प्रयास नाकाफी साबित हुए.

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन

15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और सीमित समय में इस्तेमाल की अनुमति दी थी. इसके तहत सुबह 6-7 बजे और रात 8-10 बजे तक ही पटाखे जलाने की छूट दी गई थी. बावजूद इसके, रातभर राजधानी की सड़कों और गलियों में पटाखों की गूंज सुनाई देती रही.

सांस लेना हुआ मुश्किल

पटाखों के धुएं और पहले से मौजूद प्रदूषकों के मेल से हवा इतनी खराब हो गई है कि सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

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21 October 2025, 07:19 AM IST

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