score Card

बिहार का तेजस्‍वी प्रण, महागठबंधन ने जारी किया घोषणापत्र, जनता के लिए वादों की झड़ी

बिहार चुनाव 2025 में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा बनाकर ‘तेजस्वी प्रण’ नाम से घोषणा पत्र जारी किया। इसमें हर घर नौकरी और जीविका दीदियों को स्थायी करने का वादा है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

बिहार न्यूज. पटना के मौर्या होटल से मंगलवार को महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र ‘तेजस्वी प्रण’ पेश किया। इस मौके पर कांग्रेस, लेफ्ट, आरजेडी और वीआईपी के नेता मंच पर मौजूद थे। ऐलान हुआ कि तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित किया गया है। महागठबंधन का दावा है कि उनके संकल्प बिहार को 20 साल की पिछड़ी हालत से बाहर निकालेंगे। मंच पर एकजुटता दिखाने की कोशिश साफ नजर आई।

क्या हर परिवार को नौकरी मिलेगी?

घोषणा पत्र की सबसे बड़ी बात यह है कि सत्ता में आते ही 20 दिन के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कानून लाने का वादा किया गया है। विपक्ष का कहना है कि यह वादा अव्यवहारिक है। लेकिन महागठबंधन नेताओं का दावा है कि यह सिर्फ घोषणा नहीं बल्कि लिखित प्रण है। सवाल उठता है कि बिहार जैसी आर्थिक हालत में इतनी नौकरियां कैसे दी जाएंगी। जनता भी इसे लेकर जिज्ञासु और संदेह में है।

क्या जीविका दीदियों का सपना पूरा होगा?

महागठबंधन ने अपने मेनिफेस्टो में महिलाओं को बड़ी ताकत देने का वादा किया है। सभी जीविका दीदियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा। तय किया गया वेतन 30 हजार रुपये मासिक होगा। यह वादा महिलाओं में उत्साह फैला सकता है। लेकिन विपक्ष इसे चुनावी लालच कह रहा है। सवाल यह है कि सरकारी खजाना इतना बोझ कैसे झेलेगा।

क्या नीतीश बने भाजपा के पुतले?

तेजस्वी यादव ने मंच से नीतीश कुमार और भाजपा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और भ्रष्ट अधिकारियों ने नीतीश को पुतला बनाकर रखा है। उनके नाम और चेहरे का इस्तेमाल किया गया है। तेजस्वी का दावा है कि जनता असली ताकत को पहचान चुकी है। यह बयान भाजपा और जेडीयू के लिए बड़ा चुनौती भरा हो सकता है।

क्या दिलों का यह गठबंधन टिकेगा?

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सिर्फ दलों का नहीं बल्कि दिलों का गठबंधन है। उन्होंने दावा किया कि संकल्पों को पूरा करने के लिए वे अपनी जान भी झोंक देंगे। मंच पर सभी दलों की मौजूदगी ने एकजुटता का संदेश दिया। लेकिन बिहार की राजनीति में गठबंधन टूटने और बनने का इतिहास रहा है। अब देखना होगा कि यह गठबंधन वादों के बोझ तले टिक पाता है या नहीं।

क्या सीट बंटवारे से समीकरण मजबूत होंगे?

महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा भी स्पष्ट कर दिया। आरजेडी 143, कांग्रेस 62, वीआईपी 15, सीपीआई माले 20, सीपीएम 6, सीपीआई 4 और आईपी गुप्ता की पार्टी 3 सीटों पर लड़ेगी। यह बंटवारा बड़े दलों और छोटे सहयोगियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। सवाल यह है कि क्या सभी दल दिल से सहयोग करेंगे या टिकट बंटवारे के बाद नाराजगी बढ़ेगी।

क्या जनता मान लेगी ‘तेजस्वी प्रण’?

घोषणा पत्र में रोजगार और महिला सशक्तिकरण के बड़े वादे किए गए हैं। जनता के लिए यह सपनों जैसा लग रहा है। लेकिन बिहार में पहले भी घोषणाएं बहुत हुईं और पूरी कम हुईं। अब जनता देख रही है कि इस बार वादा पूरा होगा या नहीं। चुनावी मैदान में भाजपा और एनडीए भी महागठबंधन को कठोर सवालों से घेरेंगे। असली फैसला जनता के वोट से ही तय होगा।

calender
28 October 2025, 05:18 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag