भारत को मिलने वाला है S-400 मिसाइल का चौथा स्क्वॉड्रन, चीन का निकालेगा धुआं, इस इलाके में होगा तैनात
एस-400 मिसाइल प्रणाली की तैनाती से भारत की सुरक्षा क्षमता में व्यापक सुधार होगा. यह प्रणाली चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी, क्योंकि एस-400 से भारत इन देशों से आने वाली मिसाइलों और विमानों को हवा में ही नष्ट कर सकता है. भारत के पास इस समय तीन स्क्वॉड्रन उपलब्ध हैं और चौथे के आने के बाद देश की सुरक्षा और भी मजबूत हो जाएगी.

S-400 Missile: भारत को रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का चौथा स्क्वॉड्रन साल के अंत तक मिल जाएगा. यह स्क्वॉड्रन चीन से होने वाली संभावित धमकियों से बचाव के लिए सिलिगुड़ी में तैनात किया जाएगा. भारत ने रूस से कुल पांच स्क्वॉड्रन खरीदने का सौदा किया था, जिसमें से तीन स्क्वॉड्रन पहले ही मिल चुके हैं, जबकि दो अब भी आना बाकी हैं. यूक्रेन युद्ध के कारण इसकी डिलीवरी में देरी हुई है. चौथे स्क्वॉड्रन की उम्मीद 2025 के अंत तक की जा रही है.
भारत ने 2018 में रूस के साथ करीब ₹35,000 करोड़ का समझौता किया था, जिसमें एस-400 सिस्टम के पांच स्क्वॉड्रन शामिल थे. यह मिसाइल प्रणाली भारत के लिए रणनीतिक महत्व की है, जो सीमा पर सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगी. एस-400 को सिलीगुड़ी कॉरिडोर, पठानकोट और पश्चिमी सीमा पर तैनात किया गया है, ताकि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा की जा सके.
S-400 में चार तरह की होती हैं मिसाइलें
एस-400 को दुनिया की सबसे सक्षम वायु रक्षा प्रणाली माना जाता है. यह सिस्टम हवा से आने वाले हमलावरों को बिना समय गवाए नष्ट कर देता है. एस-400 में चार प्रकार की मिसाइलें होती हैं, जिनकी रेंज 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर तक होती है. इसका रडार 600 किलोमीटर तक के 300 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है. यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और ड्रोन जैसे हवाई हमलों से निपटने में सक्षम है.
एक साथ 72 मिसाइलें दाग सकता है S-400
एस-400 की खासियत यह है कि यह एक बार में 72 मिसाइलें दाग सकता है और इसे कहीं भी आसानी से मूव किया जा सकता है, क्योंकि इसे 8X8 ट्रक पर माउंट किया जा सकता है. इसके अत्याधुनिक रडार और मिसाइलों की वजह से इसे डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल है. यह सिस्टम न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण रक्षा तकनीकी उपलब्धि है.