अड़ियल होना अच्छा है...अमेरिकी वित्त मंत्री के बयान पर शशि थरूर का आया बड़ा बयान
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी अधिकारी द्वारा भारत को 'अड़ियल' कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी पर भारत ने अपनी संप्रभु व्यापार नीति का बचाव किया. थरूर ने 50% टैरिफ का सुझाव दिया, लेकिन कहा कि इससे भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी प्रभावित नहीं होगी.

India US trade: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत की व्यापार नीति को लेकर एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने हाल ही में भारत को व्यापार वार्ता में 'अड़ियल' बताया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मैंने सुना है कि कुछ लोग भारत को 'अड़ियल' कह रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि अगर बात अपने हितों की रक्षा की हो तो अड़ियल होना, किसी के आगे झुकने से कहीं बेहतर है."
I hear some people are accusing India of being “recalcitrant“. I say, far better to be recalcitrant, than to be tractable, submissive or acquiescent to injustice.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 14, 2025
अमेरिकी मंत्री की टिप्पणी
यह विवाद तब सामने आया जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसके पीछे कारण बताया गया रूस से तेल खरीदना है. ट्रंप प्रशासन ने इसे 'जुर्माना' करार दिया था. स्कॉट बेसेन्ट ने इसे लेकर दो टूक कहा कि यदि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा, तो अमेरिका उस पर द्वितीयक शुल्क बढ़ा सकता है. एक इंटरव्यू में बेसेन्ट ने कहा कि हमने भारत पर द्वितीयक शुल्क लगाया है, और अगर ट्रंप-पुतिन बैठक में हालात अनुकूल नहीं रहे, तो और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.
भारत का जवाब
भारत ने इस आलोचना को खारिज करते हुए दो टूक कहा कि उसे यह तय करने का अधिकार है कि वह किससे व्यापार करेगा. भारत ने यह भी कहा कि जब युद्ध के बावजूद कई पश्चिमी देश रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो भारत को निशाना बनाना उचित नहीं है. भारत की विदेश नीति अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों के आधार पर तय होती है.
शशि थरूर ने पहले भी भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि अमेरिका 25% टैरिफ लगाए तो भारत को भी जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50% कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका से यह पूछना चाहिए कि क्या भारत उनके लिए मायने रखता है. यदि नहीं, तो हमें भी उनके साथ संबंधों को उतनी ही प्राथमिकता देनी चाहिए. थरूर ने यह भी कहा कि भारत का वर्तमान औसत टैरिफ लगभग 17% है, लेकिन इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
रणनीतिक संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर
हालांकि, थरूर ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर इन टैरिफों का असर नहीं पड़ेगा. सोमवार को संसद की एक समिति बैठक के बाद उन्होंने बताया कि वाणिज्य सचिव ने भरोसा दिलाया है कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है और समाधान की दिशा में प्रयास हो रहे हैं. समिति सरकार की स्थिति से 'काफी संतुष्ट' है.


