बेंगलुरु में एयरपोर्ट और मॉल को बम से उड़ाने की मिली धमकी, जैश ने पुलिस को भेजा ईमेल
बेंगलुरु में सुरक्षा एजेंसी अलर्ट मोड़ पर आ गई है. केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और शहर के कई प्रमुख मॉल को निशाना बनाते हुए धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ है.

नई दिल्ली: बेंगलुरु में सुरक्षा एजेंसियों को उस समय अलर्ट मोड में आना पड़ा जब शहर की पुलिस को एक गंभीर बम धमकी वाला ईमेल प्राप्त हुआ. यह धमकी केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और शहर के कई प्रमुख मॉल को निशाना बनाने का दावा करती है. ईमेल में इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद की कथित ‘सफेदपोश आतंकी इकाई’ का नाम बताया गया है, जिससे मामले और भी ज्यादा गंभीरता से लिया जा रहा है.
आधिकारिक ईमेल पर भेजी गई धमकी
30 नवंबर को बेंगलुरु सिटी पुलिस आयुक्त के आधिकारिक ईमेल पर भेजे गए इस मेल में “मोहित कुमार” नाम का उपयोग किया गया. मेल में दावा किया गया कि जैश-ए-मोहम्मद का सफेदपोश आतंकी समूह शाम 7 बजे के बाद कई स्थानों पर बम धमाके करने वाला है.
धमकी में जिन स्थानों का जिक्र किया गया उनमें केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, ओरियन मॉल, लुलु मॉल, फोरम साउथ मॉल और मंत्री स्क्वायर मॉल का नाम शामिल है. ईमेल में लिखा गया था कि यह हमला “अल्लाह और गुरु मोहित” के नाम पर किया जाएगा. मेल की भाषा और शैली ने पुलिस को मामले को बेहद गंभीरता से लेने के लिए मजबूर किया.
मामले में दर्ज हुई एफआईआर
धमकी वाले मेल की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 के तहत मामला दर्ज किया. सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और बम निरोधक दस्ते को सतर्क कर दिया गया है.
यह धमकी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट से जुड़े एक “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी. इससे दोनों मामलों के बीच संभावित संबंध को भी नकारा नहीं जा रहा.
पहले भी मिले फर्जी बम धमकी वाले ईमेल
हाल ही में बेंगलुरु पुलिस ने एक ऐसी महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया था जो कई संस्थानों को फर्जी बम धमकी ईमेल भेज रही थी. उत्तर डिवीजन साइबर क्राइम पुलिस ने उसे अहमदाबाद सेंट्रल जेल से बॉडी वारंट पर लेकर पूछताछ की. जांच में सामने आया कि महिला बेंगलुरु के छह मामलों में शामिल है.
उसके खिलाफ गुजरात, मैसूर और चेन्नई में भी फर्जी बम कॉल से जुड़े कई मामले दर्ज हैं. यह घटनाएं दिखाती हैं कि बेंगलुरु में इस तरह की धमकियों में वृद्धि हुई है, चाहे वे वास्तविक हों या फर्जी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां हर अलर्ट को गंभीरता से ले रही हैं.


