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जेपी नड्डा की विदाई तय! भाजपा ने शुरू की राष्ट्रीय अध्यक्ष चयन की तैयारी, जानिए कौन?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठनात्मक फेरबदल का बड़ा दौर शुरू हो गया है. पार्टी ने सोमवार को कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी और मंगलवार को कुछ और राज्यों में बदलाव की तैयारी है. इससे पार्टी के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी को चुनने का रास्ता साफ हो गया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारतीय जनता पार्टी अब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति की ओर तेजी से बढ़ रही है. पार्टी ने सोमवार को कुछ राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की, जबकि मंगलवार को और नामों का ऐलान किया जाएगा, जिससे वह संख्या पूरी हो जाएगी जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जरूरी है.

भाजपा के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी को अपने 37 सांगठनिक राज्यों में से कम से कम 19 में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव करना जरूरी होता है. सोमवार तक पार्टी 16 राज्यों में नए या दोबारा चुने गए अध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है और मंगलवार को यह आंकड़ा तय सीमा को पार कर जाएगा.

दक्षिण भारत में संगठन को मिली मजबूती

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा ने ऐसे नेताओं को अध्यक्ष बनाया है, जो संगठनात्मक रूप से मजबूत हैं लेकिन सार्वजनिक स्तर पर कम पहचाने जाते हैं. तेलंगाना में रामचंदर राव और आंध्र प्रदेश में पीवीएन माधव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.तेलंगाना में रामचंदर राव की नियुक्ति को संतुलन साधने वाला फैसला माना जा रहा है, क्योंकि यहां संगठन लंबे समय से गुटबाजी से जूझ रहा है. हालांकि राव की नियुक्ति से भाजपा विधायक और कट्टर हिंदुत्व नेता टी. राजा सिंह नाराज़ हो गए और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

महाराष्ट्र और उत्तराखंड में पुराने चेहरों को दोहराया गया

महाराष्ट्र में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष और चार बार के विधायक रविंद्र चव्हाण को चंद्रशेखर बावनकुले की जगह पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है. बावनकुले फिलहाल राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. चव्हाण एक प्रभावशाली मराठा नेता हैं, जो राज्य में भाजपा को सामाजिक समीकरणों में संतुलन दिला सकते हैं.

वहीं उत्तराखंड में भाजपा ने मौजूदा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट को ही एक और कार्यकाल के लिए जिम्मेदारी सौंपी है. राज्य में पहले से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ठाकुर समुदाय से आते हैं, ऐसे में भाजपा ने जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए ब्राह्मण नेता भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाया है.

आंध्र में बदलाव की अहम वजह

भाजपा ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को हटाकर पीवीएन माधव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. पार्टी का मानना है कि एक ठोस संगठनकर्ता के तौर पर माधव राज्य में भाजपा के विस्तार में ज्यादा मददगार हो सकते हैं. पुरंदेश्वरी पूर्व प्रधानमंत्री एन टी रामाराव की बेटी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की भाभी हैं. उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में केंद्र में मंत्री के तौर पर भी काम किया है और राजनीतिक रूप से एक प्रतिष्ठित नाम रही हैं. बावजूद इसके, भाजपा ने संगठन कौशल को वंशवाद और लोकप्रियता पर तरजीह दी है.

जातीय संतुलन की रणनीति

तेलंगाना में रामचंदर राव ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जबकि आंध्र में माधव पिछड़े वर्ग (Backward Classes) से हैं. पार्टी ने इन नियुक्तियों के जरिए दक्षिण भारत में अपनी सामाजिक जड़ें मजबूत करने की कोशिश की है. महाराष्ट्र में चव्हाण मराठा समुदाय से हैं, जो राज्य की सबसे प्रभावशाली जातियों में एक है.

जुलाई में हो सकता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव

इन नियुक्तियों के बाद भाजपा अब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर सकती है. जेपी नड्डा वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उनका कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है. ऐसे में यह पूरी संभावना है कि पार्टी जुलाई के महीने में ही नए अध्यक्ष की घोषणा कर दे.

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01 July 2025, 11:49 AM IST

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