बेंगलुरू भगदड़ मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य से पूछे 9 बड़े सवाल, जानें यहां
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई, गिरफ्तारियों और जांच में विसंगतियों पर सवाल उठाए. कोर्ट ने भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, अनुमति और चिकित्सा सुविधाओं पर जवाब मांगा. आरोपियों ने गिरफ्तारी को अवैध बताया. मामले में खेल आयोजन, भीड़ नियंत्रण, पुलिस जांच, सीआईडी, सीसीबी, कोर्ट, एटॉर्नी जनरल, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसे मुद्दे सामने आए.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु में हुई भगदड़ घटना से जुड़ी गिरफ्तारियों पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. अदालत ने सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए घटना और उसके बाद के प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. सरकार की कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए अदालत ने महाधिवक्ता (एजी) से तीखे सवाल पूछे.
जांच और गिरफ्तारियों की स्थिति
अदालत को बताया गया कि भगदड़ की जांच अब अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के जिम्मे है. इसके बावजूद बेंगलुरु सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) गिरफ्तारियां कर रही है और कब्बन पार्क पुलिस आरोपी व्यक्तियों को अदालत में पेश कर रही है. इस बीच, अटॉर्नी जनरल ने अदालत को बताया कि मामले के ट्रांसफर की प्रक्रिया में कुछ चूक हुई है, जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई.
हाईकोर्ट के सवाल
1. विजय उत्सव मनाने का निर्णय कब और किसने लिया तथा किस तरीके से?
3. जनता/भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
4. आयोजन स्थल पर क्या चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं?
5. क्या समारोह के समय उपस्थित होने वाले लोगों की संख्या के बारे में पहले से कोई आकलन किया गया था?
6. क्या घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
7. घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कितना समय लगा?
8. क्या किसी खेल आयोजन या इस प्रकार के उत्सव में 50,000 या उससे अधिक की भीड़ के प्रबंधन के लिए कोई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की गई है?
9. क्या कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कोई अनुमति ली गई थी?
राज्य सरकार ने इन सवालों के जवाब देने के लिए समय मांगा है और उम्मीद जताई है कि वह शीघ्र ही अपना स्पष्टीकरण अदालत को सीलबंद लिफाफे में सौंपेगी.
अटॉर्नी जनरल का पक्ष
एजी ने अदालत को बताया कि आरोपित लोग गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं और जांच एजेंसियों के बीच कुछ विसंगतियां भी सामने आई हैं. इसलिए, उन्होंने कहा कि "न्याय की प्रक्रिया में बाधा न आए" इसलिए आगे की जानकारी अदालत में सार्वजनिक रूप से नहीं दी जा सकती.
आरोपियों का दावा
सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के अधिकारी निखिल सोसले ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए अदालत में याचिका दायर की. वहीं, कार्यक्रम के आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने समारोह में सभी को आमंत्रित किया था, जिससे यह मामला और भी विवादित हो गया है.