कोलकाता गैंगरेप का मुख्य आरोपि पहले भी कैंपस तोड़फोड़ के मामले में हुआ था गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
यह घटना कोलकाता में महिलाओं की सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों में निगरानी की कमी पर सवाल उठाती है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है, और समाज के विभिन्न वर्गों में आक्रोश बढ़ रहा है.

Kolkata Gangrape: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून 2025 की रात एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस मामले में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का दक्षिण कोलकाता जिला महासचिव का आपराधिक इतिहास सामने आया है. खबर के अनुसार, मनोजीत को 2017 में कॉलेज कैंपस में तोड़फोड़ और हिंसा के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसने उसकी छवि को और संदिग्ध बना दिया है.
मामले का विवरण
25 जून 2025 को पीड़िता दोपहर 12 बजे परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेज पहुंची थी. उसकी शिकायत के अनुसार, मनोजीत मिश्रा ने उसे यूनियन रूम से गार्ड रूम में ले जाकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इस दौरान दो अन्य आरोपी, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय, ने सहायता की. पीड़िता ने बताया कि मनोजीत ने उसे शादी का प्रस्ताव रखा था. जिसे ठुकराने पर उसने धमकियां दीं और इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. और चौथे संदिग्ध के रूप में कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड को भी हिरासत में ले लिया है.
2017 की घटना और मनोजीत का इतिहास
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
कोलकाता पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 26 जून को मनोजीत और जैब को तालबगान क्रॉसिंग के पास और प्रमित को उनके घर से गिरफ्तार किया. आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और फॉरेंसिक जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अपराध का वीडियो बनाया गया था. पीड़िता की मेडिकल जांच में जबरन यौन संबंध और शरीर पर खरोंच के निशान पाए गए हैं. कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल का दौरा किया.
राजनीतिक विवाद
इस मामले ने राजनीतिक घमासान भी पैदा किया है. बीजेपी ने मनोजीत के TMCP से कथित संबंधों को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी के अधिकारीयों ने ममता पर सवाल उठाया है, जबकि TMC ने दावा किया कि मनोजीत का संगठन से कोई औपचारिक संबंध नहीं है.


