आज शाम 7 बजे भारत में होगी मॉक ड्रिल, जानिए क्या करें और क्या न करें
भारत आज 7 मई को एक बड़ा नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित कर रहा है. इस ड्रिल का उद्देश्य यह परीक्षण करना है कि नागरिक और अधिकारियों की तैयारियों का स्तर क्या है. बता दें कि 1971 के बांगलादेश युद्ध के बाद सबसे बड़ा अभ्यास आज शाम 7 बजे होने जा रहा है. इस ड्रिल में हवाई हमले की सायरन, बिजली कटौती, ट्रैफिक डायवर्जन, और नकली निकासी प्रक्रियाएं शामिल होंगी.

भारत आज 7 मई को एक विशाल नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रहा है, जो 1971 के बांगलादेश युद्ध के बाद सबसे बड़ा अभ्यास होगा. गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा निर्देशित इस राष्ट्रीय स्तर के अभ्यास का उद्देश्य यह परीक्षण करना है कि नागरिक और सरकारी संस्थाएं आपातकालीन परिस्थितियों जैसे हवाई हमले, आतंकवादी हमले या रासायनिक खतरे से कैसे निपटती हैं. यह ड्रिल 244 निर्धारित जिलों में आयोजित की जा रही है और इसमें नागरिकों, छात्रों और अधिकारियों की तैयारी की कड़ी परीक्षा ली जाएगी.
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हमलों से सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण देना है. यह एक सिमुलेशन के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें हवाई हमले की सायरन की आवाजें, बिजली कटौती, ट्रैफिक डायवर्जन और यहां तक कि नकली आपातकालीन निकासी प्रक्रियाएं शामिल होंगी. इस अभ्यास के दौरान आपको शांत, सतर्क और जिम्मेदार रहना होगा.
यहां जानिए इस ड्रिल में क्या करें और क्या न करें.
1. जानिए इस ड्रिल का उद्देश्य
समझें कि यह ड्रिल क्यों आयोजित की जा रही है: गृह मंत्रालय ने 2 मई को जारी निर्देश में कहा है कि यह ड्रिल नागरिक सुरक्षा नियम 1968 के तहत आयोजित की जा रही है. इसका उद्देश्य नागरिकों और अधिकारियों की तत्परता का परीक्षण करना है, विशेषकर हवाई हमलों और अन्य आपातकालीन स्थितियों में.
यह सिमुलेशन आपातकालीन स्थितियों को मिमिक करेगा, जिसमें हवाई हमले की सायरन, बिजली कटौती, ट्रैफिक डायवर्जन और आपातकालीन निकासी शामिल होंगे. यह एक प्रशिक्षण अभ्यास है, जो नागरिकों को हमले के दौरान क्या करना चाहिए, यह सिखाता है.
3. आपातकालीन किट तैयार रखें
आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें पानी, फ्लैशलाइट और बुनियादी दवाइयां शामिल हों. यह आपको किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहने में मदद करेगा.
4. अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें
सभी नागरिकों को इस ड्रिल के दौरान पुलिस, नागरिक सुरक्षा वॉर्डन और स्वयंसेवकों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए. अगर कुछ इलाकों में ट्रैफिक डायवर्ट किया जाता है या किसी जगह को अस्थायी रूप से बंद किया जाता है, तो उसे गंभीरता से लें.
5. भाग लें और सहयोग करें
यह अभ्यास सभी नागरिकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र है, जिसमें छात्रों, एनसीसी कैडेट्स, होम गार्ड्स और अन्य स्वयंसेवकों का सक्रिय योगदान होगा. सुनिश्चित करें कि आप पूरी तरह से सहयोग करें और इसके उद्देश्य को समझें.क्या न करें:
1. घबराएं या अफवाहें फैलाएं
समझें कि यह एक वास्तविक हमला नहीं है: हां, यह अभ्यास आपको तनावपूर्ण महसूस करा सकता है — सायरन की आवाजें, बिजली कटौती और नियंत्रण किया गया अराजकता — लेकिन यह सब एक सिमुलेशन है, जिसका उद्देश्य डराना नहीं, बल्कि तैयार करना है.
2. अनधिकृत जानकारी न फैलाएं
इस ड्रिल के दौरान केवल आधिकारिक अपडेट्स का पालन करें. रेडियो, टेलीविजन या भरोसेमंद ऑनलाइन चैनलों से ही जानकारी प्राप्त करें. सोशल मीडिया पर अफवाहें या असत्य संदेश न फैलाएं.
3. अधिकारियों की अवहेलना न करें
यदि आपको किसी स्थान से दूर करने के लिए कहा जाता है या रास्ता बदलने के लिए कहा जाता है, तो अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें. यह सुनिश्चित करेगा कि आप सुरक्षित रहेंगे और ड्रिल के उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा.ड्रिल से क्या परीक्षण किया जाएगा
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस ड्रिल के जरिए निम्नलिखित पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा:
* नियंत्रण कक्ष और शैडो नियंत्रण केंद्र की तत्परता
* हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की कार्यक्षमता
* महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की छुपी हुई स्थिति
* आपातकालीन ब्लैकआउट का कार्यान्वयन
* नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता जैसे अग्निशमन, बचाव कार्य और डिपो संचालन
ध्यान में रखें:
इस ड्रिल के दौरान आपको अचानक हवाई हमले की सायरन, बिजली कटौती, और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ सकता है. यह सभी तैयारियों के लिए है ताकि देश की सुरक्षा बढ़ाई जा सके. नागरिकों का सक्रिय रूप से भाग लेना और पूरी तरह से सहयोग करना इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है.
इस अभ्यास के बाद, भारत अपनी नागरिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में एक कदम और बढ़ेगा, और यह सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा, तैयारी और समझदारी का एक महत्वपूर्ण सिखने का अवसर होगा.


