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National Girl Child Day: बिहार की बेटियों को मिलते हैं ये लाभ, जानें क्या है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना

National Girl Child Day: हर साल 24 जनवरी को भारत में 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है. यह दिन बेटियों के अधिकारों, शिक्षा और उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समर्पित है. बिहार में 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' ने बेटियों के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में अहम भूमिका निभाई है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

National Girl Child Day: हर साल 24 जनवरी को पूरे देश में 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया जाता है. यह दिन बेटियों के अधिकारों, उनके विकास और समाज में उनकी भूमिका को मजबूत करने के लिए समर्पित है. 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस दिन का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को सशक्त बनाना और उनके समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है. खासतौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लड़कियों को बढ़ावा देना इसका मुख्य लक्ष्य है.

बिहार में इस अवसर का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि राज्य ने पिछले कुछ सालों में महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं. 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' जैसी पहल ने राज्य में बेटियों के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक उन्हें आर्थिक मदद प्रदान की है. यह योजना न केवल बेटियों के लिए बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बन चुकी है.

जन्म से ही आर्थिक सहायता का प्रावधान

'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' का उद्देश्य बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना है. बच्ची के जन्म के साथ ही सरकार परिजनों के बैंक खाते में ₹2000 जमा करती है. इसके बाद, आधार से लिंक करने पर ₹1000 और दो साल के अंदर संपूर्ण टीकाकरण पूरा होने पर ₹2000 की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है. इस तरह जन्म से लेकर दो साल की उम्र तक बच्ची को कुल ₹5000 की सहायता मिलती है.

स्कूल ड्रेस और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए आर्थिक सहायता

योजना के तहत, छात्राओं को 'मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना' के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए वार्षिक राशि प्रदान की जाती है. कक्षा 1-2 की छात्राओं को ₹600, कक्षा 3-5 को ₹700, कक्षा 6-8 को ₹1000 और कक्षा 9-12 तक की छात्राओं को ₹1500 दिए जाते हैं. इसके अलावा, 'किशोरी स्वास्थ्य योजना' के तहत आठवीं कक्षा से ऊपर की छात्राओं को सेनेट्री पैड के लिए प्रतिवर्ष ₹300 दिए जाते हैं.

माध्यमिक और स्नातक शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि

बिहार सरकार की 'मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना' के तहत 12वीं कक्षा पास करने वाली अविवाहित छात्राओं को ₹25,000 की राशि दी जाती है. इसके अलावा, स्नातक की पढ़ाई पूरी करने पर, छात्राओं को ₹50,000 का प्रोत्साहन दिया जाता है. यह प्रोत्साहन राशि सीधे छात्राओं के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.

योजना के सकारात्मक परिणाम

'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' ने बिहार में बेटियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज सड़कों पर साइकिल से स्कूल जाती लड़कियां इस योजना की सफलता की गवाही देती हैं. राज्य में महिला सशक्तीकरण के इस नए युग ने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाया है और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है.

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24 January 2025, 08:18 AM IST

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