निमिषा प्रिया केस: क्या सरकार वाकई जनता से मांग रही 8 करोड़? विदेश मंत्रालय ने बताया पूरा सच
यमन में मौत की सजा का सामना कर रहीं नर्स निमिषा प्रिया के नाम पर सोशल मीडिया पर फर्जी डोनेशन अभियान चलाया गया, जिसमें करोड़ों रुपये की अपील की गई.

Nimisha Priya case: यमन में भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के प्रयास लगातार जारी हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके नाम से एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि विदेश मंत्रालय के खाते में पैसे जमा कराकर निमिषा प्रिया को बचाया जा सकता है. इस कथित अभियान में करोड़ों रुपये की डोनेशन की अपील की गई है.
विदेश मंत्रालय ने इस पूरे दावे को फर्जी बताया है और जनता को आगाह किया है कि किसी भी झांसे में ना आएं. मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार ने ना तो कोई ऐसा डोनेशन अभियान शुरू किया है और ना ही किसी बैंक खाते में रकम जमा करने की अपील की है.
क्या है पूरा मामला?
निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली नर्स हैं जिन्हें यमन की अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है. हाल ही में केरल के एक उलेमा ने भी मध्यस्थता का प्रयास किया था, लेकिन मृतक तलाल आबदो मेहदी के परिजन माफी देने को तैयार नहीं हुए. तलाल के भाई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा कि हम अपने भाई के खून का सौदा नहीं कर सकते और यमन सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सजा दी जाए.
कैसे चला फर्जी अभियान?
सोशल मीडिया पर डॉ. एके पॉल नामक एक ट्विटर अकाउंट से Save Nimisha Priya के नाम से पोस्टर जारी किया गया. इसमें दावा किया गया कि विदेश मंत्रालय के बैंक खाते में सीधे पैसे जमा कराकर निमिषा प्रिया को बचाया जा सकता है. इतना ही नहीं, इसमें कहा गया कि हमें 8.3 करोड़ रुपये की जरूरत है, कृपया डोनेट करें. इस पोस्टर में भारतीय स्टेट बैंक का एक खाता नंबर भी दिया गया जिसे गलत तरीके से विदेश मंत्रालय का आधिकारिक अकाउंट बताया गया.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने फैक्ट चेक करते हुए इस पूरे मामले को फर्जी बताया. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी भी तरह की डोनेशन अपील नहीं की है. ये लोगों से ठगी करने का प्रयास है. कृपया किसी भी तरह की रकम किसी खाते में जमा ना करें.


