संसद के शीतकालीन सत्र में SIR पर होगी बहस? सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की मांग पर क्या बोली सरकार
रविवार को हुए सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी विपक्षी पार्टियों ने SIR पर चर्चा करने की मांग की है और कहा है कि सरकार SIR पर बहस से पीछे नहीं हट सकती. बैठक के बाद सरकार ने शीतकालीन सत्र को लेकर एक अहम फैसला लिया है.

नई दिल्ली: रविवार (30 नवंबर) को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी पार्टियों ने SIR का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर तीखें सवाल उठाएं. उन्होंने आगामी शीतकालीन सत्र में वोटर लिस्ट के एसआईआर और 10 नवंबर को हुए दिल्ली बम ब्लास्ट जैसे बड़े मुद्दों पर बात करने की मांग की है. इस सर्वदलीय बैठक में एनडीए, बीजेपी, कांग्रेस और सपा जैसी बड़ी पार्टी के नेता मौजूद रहे.
आर्थिक सुरक्षा और विदेशी सुरक्षा पर चर्चा की मांग
कांग्रेस सांसद और लोकसभा पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने इस बैठक में दिल्ली में बढ़ रही वायु प्रदुषण पर चर्चा करने की मांग की है. साथ ही वह किसानों की आर्थिक सुरक्षा और विदेशी सुरक्षा पर भी चर्चा चाहते हैं. पीटीआई के अनुसार, गोगोई ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व वाली सरकार भारत के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को धीरे-धीरे खत्म करना चाहती है.
उन्होंने आगे ये भी कहा कि चुनाव आयोग चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहा है. यह बात लोकतंत्र की सुरक्षा की है, इसलिए वोटर लिस्ट की शुद्धता पर चर्चा होनी ही चाहिए. इसके अलावा उन्होंने विदेश नीति का भी मुद्दा बैठक के दौरान उठाया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विदेश नीति दूसरे देशों के आधार पर बना रहे हैं. किसी भी विपक्ष पार्टी को पसंद नहीं है कि भारत रूस से तेल खरीदें.
इन पार्टियों ने उठाया SIR का मुद्दा
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी से राम गोपाल और टीएमसी पार्टी ने एसआईआर के मुद्दे को उठाया है. सभी चाहते हैं कि शीतकालीन सत्र इसपर चर्चा की जाए. यहां तक कि मीडिया से बात करते हुए राम गोपाल ने कहा कि सरकार एसआईआर पर बहस से पीछे नहीं हट सकती है. वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर एसआईआर को तुरंत रोकने की मांग की है.
सरकार ने विपक्ष से मांगा सहयोग
दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह संसद का शीतकालीन सत्र है, इस सत्र में सभी को ठंडे दिमाग से सोचकर बोलना या काम करना चाहिए.
उन्होंने आगे बोला कि अगर सदन की कार्यवाही बाधित न करने का फैसला करते हैं, तो और भी उत्पादकता बढ़ेगी, लोकतंत्र मजबूत होगा और साथ ही लोगों के बीच संसद का सम्मान भी बढ़ेगा.


