ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में होगी 32 घंटे चर्चा, संसदीय मंत्री किरन रिरिजू ने बताया पूरा प्लान
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष चर्चा होगी. विपक्ष की मांग पर सहमति बनी, लेकिन सदन में लगातार हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. अध्यक्ष ने विपक्ष को सदन बाधित न करने की चेतावनी दी.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सोमवार को लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बहस के लिए प्रत्येक सदन में 16-16 घंटे, यानी कुल 32 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सोमवार को लोकसभा में और उसके अगले दिन यानी मंगलवार को राज्यसभा में यह बहस होगी.
विपक्ष की मांग पर सहमति
रिजिजू ने बताया कि सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने सरकार से मांग की थी कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा की जाए. उन्होंने कहा, "हमने विपक्ष को भरोसा दिया था कि हम इन दोनों गंभीर मुद्दों पर बहस के लिए पूरी तरह तैयार हैं."
सरकार का विपक्ष से आग्रह
रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्ष की चिंताओं को समझती है और उन्हें सदन में उठाने की पूरी छूट है. उन्होंने कहा, “हालांकि, दुर्भाग्यवश विपक्ष ने सत्र के पहले दिन से ही कार्यवाही को बाधित करना शुरू कर दिया. बाहर और भीतर दोनों जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पूरे सप्ताह में केवल एक विधेयक ही पारित हो सका है. इस पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विपक्ष से अपील की, “कृपया संसद को न रोके. आप नियमों के अंतर्गत अपने सभी मुद्दे उठा सकते हैं. संसद का न चलना देशहित में नहीं है.”
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की पुष्टि
रिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया लोकसभा में आरंभ की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए.
बिहार मुद्दे पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित
वहीं, बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध और नारेबाजी के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी. इससे संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह व्यर्थ चला गया. लगातार पांचवें दिन कोई अहम विधायी कार्य नहीं हो सका.
लोकसभा अध्यक्ष की फटकार
जब दोपहर 2 बजे सदन दोबारा शुरू हुआ, तो अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने नाराजगी जताते हुए कहा, "जनता ने आपको उनके मुद्दे उठाने के लिए भेजा है, न कि सदन को बाधित करने के लिए. बार-बार के व्यवधान से देश को नुकसान हो रहा है. सदन को स्थगित करवाना कोई उपलब्धि नहीं है."


