बाइक से वोट तक गूंजा हक़ का सफर, राहुल गांधी ने अनोखे तोहफे से जनता का दिल जीत लिया
बिहार के दरभंगा में युवक की बाइक सुरक्षाकर्मी ले भागे तो आवाज़ सोशल मीडिया से उठी, सीधे राहुल गांधी तक पहुंची। वोटर अधिकार यात्रा में हक़ का सफर गूंजा और राहुल ने पल्सर गिफ्ट कर जनता का दिल जीत लिया।

National News: दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान शुभम सौरभ नाम के युवक के साथ बड़ी घटना हुई। उनकी बाइक होटल के बाहर खड़ी थी जब सुरक्षाकर्मी पहुंचे। उन्होंने बाइक मांगी तो शुभम ने मना किया, लेकिन दबाव में आकर बाइक ले ली गई। थोड़ी देर तक यात्रा में बाइक दिखी भी, लेकिन इसके बाद न सुरक्षाकर्मी लौटे और न बाइक का कोई निशान मिला। शुभम परेशान होकर इधर-उधर भटकते रहे। बाइक गायब होने के बाद शुभम के लिए दिन और रात मुश्किल हो गए।
उन्होंने पूरे इलाके में तलाश की, कई जगह पूछताछ की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। वह अलग-अलग जिलों तक गए और यात्रा के रास्तों को भी खंगाला। छह दिन तक नींद उनकी आंखों से गायब हो गई। उनके लिए यह बाइक सिर्फ सवारी का साधन नहीं थी बल्कि भावनाओं से जुड़ी धरोहर थी।
सोशल मीडिया बना सहारा
जब शुभम को कहीं से मदद नहीं मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने एक वीडियो बनाकर पूरी कहानी साझा की। वीडियो में उन्होंने अपनी बेबसी और चिंता को बताया। यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया और हजारों लोगों तक पहुंच गया। आम लोगों ने उनकी परेशानी को अपनी समझा। धीरे-धीरे यह वीडियो राहुल गांधी की टीम तक भी पहुंच गया।
राहुल गांधी तक पहुंची आवाज़
शुभम की वायरल कहानी राहुल गांधी तक पहुंचने में देर नहीं लगी। वोटर अधिकार यात्रा का मक़सद था हर वोटर की आवाज़ सुनना। और यहां सचमुच एक वोटर की आवाज़ नेता तक पहुंच गई। राहुल गांधी ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत टीम को निर्देश दिया कि युवक से संपर्क करें और उसकी समस्या का हल करें। यह फैसला उनके नारे को असली रूप देता दिखा।
वादा और नई बाइक मिली
राहुल गांधी ने वादा किया कि शुभम को नई बाइक दी जाएगी। ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। 1 सितंबर को पटना में वोटर अधिकार यात्रा के समापन मौके पर मंच से ही राहुल गांधी ने शुभम को नई पल्सर 220 बाइक की चाबी सौंपी। भीड़ के सामने यह पल खास बन गया। यह न केवल एक गाड़ी लौटाने का मामला था बल्कि भरोसा लौटाने का भी पल था।
खुशी और राहत का पल
नई बाइक मिलने के बाद शुभम भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जब राहुल जी ने चाबी दी तो उनकी सारी परेशानियां खत्म हो गईं। वह अब चैन की नींद सो सकेंगे। उनके मुताबिक यह बाइक सिर्फ सवारी नहीं बल्कि मेहनत और यादों की साथी थी। नई पल्सर मिलने के बाद उनके चेहरे पर राहत और खुशी साफ झलक रही थी।
बाइक से वोट तक संदेश
यह कहानी सिर्फ बाइक की नहीं बल्कि लोकतंत्र की आवाज़ की भी है। सुरक्षाकर्मी द्वारा बाइक ले जाना सिस्टम की कमी को दिखाता है, जबकि राहुल गांधी का कदम इस कमी की भरपाई करता है। वोटर अधिकार यात्रा का संदेश कि हर आवाज़ सुनी जाएगी, इस घटना से और मजबूत हो गया। बाइक से वोट तक की यह गूंज अब चर्चा का हिस्सा है और यह दिखाती है कि नेता और जनता का रिश्ता कितना गहरा हो सकता है।


