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रावण या आयरन मैन? कोटा में बन रहा देश का सबसे भारी लोहे का दशानन, रिमोट से होगा दहन

कोटा का दशहरा मेला इस बार इतिहास रचेगा. 215 फीट ऊंचा रावण का विशाल पुतला पहली बार रिमोट से दहन होगा. अंबाला के कारीगर तेजेंद्र चौहान की टीम ने चार महीने की मेहनत से लोहे, कपड़े और आतिशबाजी के साथ तकनीकी नवाचार से इसे बनाया जा रहा है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Kota Dussehra 2025: कोचिंग हब से प्रसिद्ध कोटा इस बार दशहरे पर एक नया कीर्तिमान रचने जा रहा है. यहां का राष्ट्रीय दशहरा मेला इस वर्ष देशभर की सुर्खियों में है क्योंकि पहली बार 215 फीट ऊंचा रावण का विशाल पुतला दहन के लिए तैयार किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस भव्य पुतले का दहन रिमोट से किया जाएगा, जो अब तक की परंपरा से एक बड़ा बदलाव होगा. इस अद्वितीय रावण पुतले की तैयारी पिछले चार महीनों से हरियाणा के अंबाला से आए कारीगर तेजेंद्र चौहान और उनकी टीम द्वारा की जा रही है. लोहे, कपड़े और आतिशबाजी के साथ तकनीकी इनोवेशन का ऐसा मेल इससे पहले किसी दशहरा उत्सव में नहीं देखा गया.

कितना फीट ऊंचा होगा रावण का पुतला

कोटा में तैयार हो रहा रावण का पुतला न केवल ऊंचाई में देश का सबसे बड़ा होगा बल्कि इसका वजन भी करीब 12 टन है. इसे बनाने में लगभग 9500 किलो लोहे का उपयोग किया गया है. रावण का मुख्य सिर 25 फीट का है. जबकि बाकी 9 सिर 3x6 फीट के बनाए गए हैं. अकेले चेहरों का वजन 300 किलो और मुकुट की ऊंचाई 60 फीट है, जिसे चार हिस्सों में बनाया गया है.

 50 फीट की तलवार, 40 फीट की जूतियां

रावण को एक योद्धा की छवि देने के लिए इस बार उसकी मूंछों को और घना और ऊपर की ओर मुड़ा हुआ बनाया गया है. 50 फीट लंबी तलवार और 40 फीट की विशाल जूतियां पुतले को बेहद भव्य लुक दे रही हैं.

रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद 

इस बार सिर्फ रावण ही नहीं बल्कि उसके भाइयों कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी आकर्षण का केंद्र होंगे. दोनों पुतले 60-60 फीट ऊंचे होंगे, जिनमें से प्रत्येक का वजन 1000 किलो होगा और इनमें 500 किलो लोहा लगा है. इनके चेहरों की ऊंचाई 10 फीट और वजन 80 किलो तक है.

 आधुनिक तकनीक से होगा निर्माण और दहन

इतने भारी-भरकम पुतले को खड़ा करने के लिए 6 फीट गहरा और 25 फीट चौड़ा मजबूत फाउंडेशन बनाया गया है. दो क्रेनों, एक जेसीबी और करीब 100 मजदूरों की मदद से इस रावण को सिर्फ 3 घंटे में खड़ा किया जाएगा. रावण के भीतर 20 जगहों पर सेंसर लगाए गए हैं, जो रिमोट के बटन दबाते ही एक के बाद एक हिस्सों को प्रज्वलित करेंगे  पहले छत्र, फिर मुकुट और अंत में पूरा पुतला आतिशबाजी के साथ जल उठेगा.

 नया स्थान, नई भव्यता

इस वर्ष रावण दहन का स्थान बदला गया है. अब यह विजयश्री रंगमंच की बजाय किशोरपुरा थाने के सामने आयोजित किया जाएगा. रावण का मुख कोटा थर्मल पावर प्लांट की ओर रहेगा. हालांकि इस बार पुतले में कोई मूवमेंट नहीं होगा, न तलवार चलेगी, न आंखें घूमेंगी लेकिन एलईडी लाइट्स और भव्य आतिशबाजी दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बनेंगी.

लाखों दर्शकों के लिए होगा ऐतिहासिक क्षण

करीब 20 मिनट तक चलने वाला यह दृश्य कोटा ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक उत्सव बन सकता है. आयोजन समिति और कारीगरों को भरोसा है कि यह रावण दहन न केवल परंपरा का सम्मान करेगा बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से संस्कृति को नया रूप भी देगा.

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17 September 2025, 01:58 PM IST

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