पड़ोसियों के घर में आती थी आवाजें, आरडीओ कार्यालय तक पहुंचा मामला, फिर....
आरडीओ ने यह भी कहा कि अगले 14 दिनों के भीतर मुर्गियों का पिंजरा हटा दिया जाएगा और नया स्थान तय किया जाएगा। अब राधाकृष्णन और उनके परिवार को सुबह-सुबह मुर्गों की बांग की आवाज से परेशान नहीं होना पड़ेगा। यह मामला स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि छोटे से छोटे विवाद को भी सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है। जब प्रशासन ध्यान दे तो छोटी सी समस्या भी शांतिपूर्ण ढंग से हल हो सकती है।

पथानामथिट्टा जिले के अडूर में एक अजीब घटना सामने आई है, जहां एक परिवार मुर्गे की बांग सुनकर जाग गया। कल्पना कीजिए, आप पूरी रात की नींद के बाद आराम से जागते हैं और अचानक सुबह तीन बजे मुर्गा बोल देता है! राधाकृष्णन नामक एक व्यक्ति के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि पड़ोसी के मुर्गे की बांग के कारण उन्हें सोने में बहुत कठिनाई होती है।
नींद हो जाती थी खराब
राधाकृष्णन ने शिकायत की कि मुर्गा इतनी जोर से बांग देता है कि उनकी नींद पूरी तरह से खराब हो जाती है। विशेषकर सुबह तीन बजे, जब सभी लोग गहरी नींद में होते हैं। यह आवाज न केवल उनकी नींद में खलल डाल रही थी, बल्कि उनके शांतिपूर्ण जीवन में भी खलल डाल रही थी। अब यह मामला सीधे आरडीओ (राज्य कलेक्टर कार्यालय) तक पहुंच गया है।
दोनों पक्षों को बुलाया
आरडीओ बी राधाकृष्णन ने मामले को गंभीरता से लिया और दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी बात सुनी। इसके बाद आरडीओ ने स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण किया। पता चला कि मुर्गा घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर रखा गया था और उसकी बांग सीधे राधाकृष्णन के कमरे तक पहुंच रही थी। इसके बाद आरडीओ ने आदेश दिया कि मुर्गी के पिंजरे को ऊपरी मंजिल से हटाकर घर के पूर्वी हिस्से में रखा जाए ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।


