ये हैं वो गुनहगार, जिन्होंने ली 26 निर्दोषों की जान...ऑपरेशन महादेव में मारे गए दो आतंकियों की पहली तस्वीर आई सामने
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों हबीब, जिबरान और कमांडर हाशिम मूसा को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में मुठभेड़ में मार गिराया. उनके पास से पाकिस्तानी दस्तावेज़, हथियार और FSL रिपोर्ट से पुष्टि हुई. अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी और समर्थन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की.

पहलगाम 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के तीन मुख्य संदिग्धों में से दो आतंकियों हबीब ताहिर और जिबरान की पहली तस्वीरें सामने आई हैं. दोनों पाकिस्तानी नागरिक बताए जा रहे हैं और इन्हें सोमवार को श्रीनगर में सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में मार गिराया गया. साथ ही, लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर हाशिम मूसा भी उसी ऑपरेशन में ढेर किया गया, जो इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता था.
संयोगवश समाप्त हुआ मुठभेड़
सिन्हा जानकारी के अनुसार, आतंकवादी एक तंबू के भीतर आराम की मुद्रा में लेटे थे. उस समय सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया और अचानक फायरिंग कर दी. इस मुठभेड़ को पूर्व योजनाबद्ध नहीं, बल्कि संयोगवश हुई घटना बताया गया है. Dachigam वन क्षेत्र में दो दिन की घेराबंदी के बाद, 4 पैराशूट बटालियन ने आतंकियों को ट्रैक कर छापा मारा, जिससे तीनों मौके पर ही मारे गए.
ऑपरेशन के पीछे की वजह
यह अभियान 11 जुलाई को शुरू हुआ था जब बैसारन क्षेत्र से एक चीनी सैटेलाइट फोन सक्रिय पाया गया था. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों के लिए यह एक सामान्य रणनीति होती है घूमते फिरते थोड़ी देर ठहरकर आराम करना लेकिन सुरक्षा बलों की पैनी नजर की वजह से इस बार चूक गई.
अमित शाह का लोकसभा में खुलासा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि तीनों मारे गए आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और उनके पहचान के पुख्ता सबूत भारत के पास हैं. उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड, पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट, और अतिरिक्त हथियार व ग्रेनेड बरामद हुए. ये सभी वस्तुएं आतंकियों की पाकिस्तानी पहचान को पुष्ट करती हैं.
आतंकियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
शाह ने बताया कि दो स्थानीय नागरिक परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद को आतंकियों को आश्रय देने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था. जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तब इन्हीं हिरासत में लिए गए लोगों ने उनकी पहचान की. इस सटीक पहचान के बाद सारी पुष्टि मीडिया के सामने धीरे-धीरे आई.
कार्रवाई की रूपरेखा
शाह ने बताया कि हमले के कुछ ही घंटे बाद आतंकियों को पकडऩे की योजना बनाई गई और सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए कि वे आतंकियों को देश छोड़कर नहीं जाने दें. “22 मई को Dachigam जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी. सैनिक ठंड में गश्त करते रहे. 22 जुलाई को सेंसर से उनकी मौजूदगी का पक्का संकेत मिला,” उन्होंने कहा. इसके बाद धीरे-धीरे ऑपरेशन की पूरी जानकारी सामने आई.
फॉरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकियों द्वारा उपयोग किए गए कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से तैयार थी, और उनके साथ बरामद राइफलें और ग्रेनेड मिली. 17 ग्रेनेड, एक अमेरिकी निर्मित M4 कार्बाइन राइफल और दो AK‑47 बरामद किए गए. इन सब हथियारों की FSL रिपोर्ट से सबूत मिला कि यही आतंकवादी पहलगाम हमले में शामिल थे.


