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ये डेटा EC का है, मैं साइन क्यों करूं? राहुल गांधी बोले- चुनाव आयोग का फटेगा Data

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को वोट चोरी के आरोपों पर शपथपत्र देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में संविधान की शपथ ली है. इंडिया ब्लॉक ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन किया, जिसमें कई सांसद हिरासत में लिए गए. विपक्ष ने बिहार में SIR प्रक्रिया को भी पक्षपाती बताया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें वोट चोरी के आरोपों के समर्थन में चुनाव आयोग (EC) को कोई शपथपत्र (affidavit) देने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरी शपथ मैंने संसद में ली है, संविधान के प्रति. यह बयान उन्होंने तब दिया जब इंडिया ब्लॉक के सांसदों द्वारा चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च की कोशिश हुई.

इंडिया ब्लॉक का मार्च 

दिल्ली में इंडिया ब्लॉक के लगभग 300 विपक्षी सांसद संसद से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने Transport Bhawan पर उन्हें रोक दिया. इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अखिलेश यादव समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान त्रिनामूल सांसद महुआ मोइत्रा और मिताली बाघ बेहोश हो गईं, जिन्हें तत्काल उपचार दिया गया.

चुनाव आयोग का डेटा फटेगा

मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कहा कि ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं. हमने आपको ही दिया है, आप अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, सबको पता लग जाएगा. ये सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, देश के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है. चुनाव आयोग जानता है कि उसका डेटा फटेगा, इसलिए उसे कंट्रोल और छिपाने की कोशिश हो रही है.

यह लड़ाई संविधान के लिए है

गिरफ़्तारी के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है. हम एक साफ़–सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और बीजेपी मिलकर लोकसभा चुनाव में वोट चोरी कर रहे हैं

affidavit क्यों नहीं, ये सवाल मांगा जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से सुझावित किया था कि वे शपथपत्र के माध्यम से अपनी वोट चोरी संबंधी शिकायत को औपचारिक रूप दें, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. मैंने संसद में शपथ ली है, अब आगे क्यों? उन्होंने सवाल उठाया और आयोग से राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक वोटर डेटा और वीडियो रिकॉर्ड की मांग की है.

बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर विरोध

यह विरोध मार्च बिहार में चुनाव से पहले किए गए मतदाता सूची संशोधन (SIR) के विरोध में आयोजित किया गया था. विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से गरीब और वंचित मतदाताओं का वोट छिना जा सकता है. इंडिया ब्लॉक ने देशभर में इसका समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन किए.

होने चाहिए जवाब

शशि थरूर ने कहा कि यदि आयोग के पास पर्याप्त डेटा है, तो उसे शपथपत्र नहीं, बल्कि जवाब देना चाहिए. विशेष रूप से तब, जब गांधी जी ने जो डेटा प्रकाशित किया है वह स्वयं आयोग का ही है. यह मार्च चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में था, साथ ही पिछले सप्ताह लाइवकास्ट और प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी द्वारा 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता धोखाधड़ी के लगाए गए आरोपों के खिलाफ भी था.

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11 August 2025, 05:33 PM IST

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