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तीन किशोर, एक की Age महज 13 वर्ष...बेंगलुरु भगदड़ के सभी 11 मृतकों की उम्र 40 वर्ष से कम, हादसे की भयावह कहानी

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 युवाओं की मौत हो गई और 47 घायल हुए. भीड़ नियंत्रण में विफलता, प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस की चेतावनी के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन बना त्रासदी का कारण. भाजपा ने न्यायिक जांच और जवाबदेही की मांग की है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल खिताबी जीत के बाद आयोजित जश्न का माहौल बुधवार को उस समय मातम में बदल गया, जब भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में अधिकांश युवा थे, सभी की उम्र 40 वर्ष से कम थी, और सबसे कम उम्र का पीड़ित महज 13 साल का था.

किशोरों और युवाओं की मौत

इस हादसे में जिन लोगों की जान गई, वे या तो स्थानीय निवासी थे या कर्नाटक के अन्य जिलों से उत्सव में शामिल होने आए थे. आईपीएल की ऐतिहासिक जीत की खुशी में वे स्टेडियम पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षा प्रबंधों की भारी कमी के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. परिणामस्वरूप, 11 की मौत हो गई और 47 अन्य घायल हो गए.

मृतकों की पहचान

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जिन 11 लोगों की जान गई, उनके नाम हैं: दिव्यांशी (13), दोरेशा (32), भूमिक (20), सहाना (25), अक्षता (27), मनोज (33), श्रवण (20), देवी (29), शिवलिंगा (17), चिन्मयी (19) और प्रज्वल (20). इनकी उम्र दर्शाती है कि यह हादसा कितने युवा जीवन लील गया.

भीड़ नियंत्रण में नाकामी

अधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम के आयोजन में खराब योजना, अंतिम समय के फैसले और अनुमान से कई गुना अधिक भीड़ हादसे की प्रमुख वजहें रहीं. स्टेडियम की क्षमता लगभग 35,000 है, लेकिन यहां करीब तीन लाख लोग पहुंच गए. इस वजह से पुलिस बल की तैनाती अपर्याप्त रही, क्योंकि विधान सौध में हो रहे कार्यक्रम के लिए अधिकांश बल वहां लगाया गया था.

परेड को पुलिस की अनुमति नहीं

स्थानीय पुलिस ने पहले ही सुरक्षा जोखिमों के चलते RCB विजय परेड की अनुमति नहीं दी थी. बावजूद इसके, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और आयोजकों ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया. दोपहर करीब 3:14 बजे सोशल मीडिया पर जैसे ही मुफ्त पास की घोषणा हुई, हज़ारों की भीड़ उमड़ पड़ी. 'पहले आओ, पहले पाओ' व्यवस्था के चलते लोग बैरिकेड्स फांदते हुए अंदर घुसने लगे, जिससे भगदड़ मच गई.

मुख्यमंत्री और भाजपा आमने-सामने

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की. उन्होंने तुलना करते हुए कहा, "कुंभ मेले में भी 50-60 लोग मारे गए थे, तब हमने आलोचना नहीं की." इस पर भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी तुलना कर जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.

न्यायिक जांच की मांग

भाजपा ने इस त्रासदी पर न्यायिक जांच की मांग की है और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. प्रह्लाद जोशी ने पूछा, “जब पुलिस ने परेड की अनुमति नहीं दी थी, तब आयोजन क्यों हुआ? हादसे के बाद भी जश्न क्यों चलता रहा?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री और नेता समारोह में तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त थे, जबकि लोग जान गंवा रहे थे.

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05 June 2025, 02:45 PM IST

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