'मैंने बच्चों को मरते देखा', जब कैमरे के सामने रो पड़े डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार
बेंगलुरु में आरसीबी के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भावुक हो गए और माफी मांगी. भारी भीड़ के कारण नियंत्रण टूट गया. सरकार पर लापरवाही के आरोप लगे, जबकि विपक्ष ने घटना का राजनीतिकरण किया.

बेंगलुरु में हुए एक दर्दनाक हादसे के बाद कर्नाटक सरकार पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत का जश्न मनाने के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई किशोर भी शामिल थे. इस त्रासदी पर जब उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार मीडिया से मुखातिब हुए, तो वे खुद को संभाल नहीं पाए और कैमरे के सामने भावुक होकर रो पड़े.
छोटे बच्चों को मरते देखा, कोई कैसे सहन करे?
गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा, “मैं बच्चों के बारे में सोचकर टूट गया हूं. वे महज 15 साल के थे. मैंने अपनी आंखों से कम से कम 10 लोगों को मरते देखा. यह दृश्य कोई भी सहन नहीं कर सकता.” उनका यह बयान सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर वायरल हो गया, लेकिन साथ ही उन्हें इस बात के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा कि हादसे के वक्त वे स्टेडियम के भीतर समारोह में मौजूद थे.
#WATCH | Bengaluru: Karnataka DCM DK Shivakumar breaks down as he comes out to address the media for the first time after the #BengaluruStampede. pic.twitter.com/1GDMZOBAm4
— ANI (@ANI) June 5, 2025
समारोह में मौजूदगी पर उठे सवाल
शिवकुमार पर आरोप लगे कि उन्होंने जनता की सुरक्षा की अनदेखी करते हुए स्टेडियम में जश्न जारी रखा. समारोह की तस्वीरों में उन्हें RCB की टीम के साथ मुस्कराते और ट्रॉफी पकड़े देखा गया, जबकि ठीक बाहर मौत का मंजर बिखरा पड़ा था. सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया.
हमें सिर्फ़ 10 मिनट दिए गए थे
शिवकुमार ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें समारोह जल्दी खत्म करने का निर्देश मिला था. “पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एक-दो लोगों की मौत हो चुकी है, इसलिए कार्यक्रम 10 मिनट में खत्म करना होगा. मैंने मंच पर जाकर तेजी से सब कुछ समेटा,” उन्होंने कहा.
लाशों पर राजनीति न करें
शिवकुमार ने राजनीतिक विरोधियों, विशेष रूप से भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “हमें प्रशासनिक सबक सीखने हैं, विपक्ष को लाशों पर राजनीति करने देना चाहिए. लेकिन जब मैं बच्चों की लाशें देखता हूं, तो वह दृश्य मेरे दिल को तोड़ देता है.”
हमने अनुमान नहीं लगाया था इतनी भीड़ का
उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार को इस कार्यक्रम में भारी भीड़ की उम्मीद नहीं थी. “हमें लगा था 30,000 से 40,000 लोग आएंगे, लेकिन वहां 3 लाख से ज्यादा लोग उमड़ पड़े. गेट तोड़ दिए गए. हम पूरी तरह माफी मांगते हैं,” उन्होंने कहा.
समारोह स्थल पर प्रशासनिक नियंत्रण की कमी
शिवकुमार ने यह भी बताया कि KSCA अधिकारियों को स्टेडियम में लाने में भी परेशानी हुई. “मैंने खुद उन्हें अपनी कार में लाया और उनसे कहा कि कोई घोषणा न करें. हम बस यह कार्यक्रम खत्म करना चाहते थे.”
घटना पर खेद
दिन की शुरुआत में ही शिवकुमार ने घटना पर माफी मांगते हुए कहा था, “हमें बहुत खेद है. हम भविष्य में बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करेंगे.” उनका यह बयान सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने और जिम्मेदारी स्वीकार करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.


