TTD ने 4 कर्मचारियों को किया सस्पेंड, गैर-हिंदू धर्म अपनाने पर गिरी गाज
TTD ने हिंदू धर्म के अलावा अन्य आस्थाएं अपनाने को लेकर अपने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. संस्था ने यह कार्रवाई आचार संहिता के उल्लंघन और धार्मिक संगठन की मर्यादा भंग करने के आधार पर की. जांच रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर इन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई.

TTD suspends staff: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने हिंदू धर्म से इतर आस्था का पालन करने के आरोप में अपने चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन संभालने वाली इस संस्था ने शनिवार को यह कार्रवाई की. टीटीडी के अनुसार, इन कर्मचारियों ने धार्मिक संस्था के आचार संहिता का उल्लंघन किया और कार्यस्थल पर गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया.
टीटीडी के आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों की जांच के बाद नियमों के तहत विभागीय कार्रवाई की गई और चारों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया. निलंबित कर्मचारियों में डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल) बी एलिजर, बीआईआरआरडी अस्पताल की स्टाफ नर्स एस रोजी, ग्रेड-1 फार्मासिस्ट एम प्रेमावती और एसवी आयुर्वेद फार्मेसी की डॉ. जी असुन्था शामिल हैं.
गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की नीति
20 मई को टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष बी आर नायडू की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके तहत टीटीडी द्वारा संचालित संस्थानों में किसी भी गैर-हिंदू कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की जाएगी. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने उस समय बताया था कि ऐसे कर्मचारियों को वैकल्पिक सरकारी विभागों में स्थानांतरित करने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का विकल्प देने की योजना बनाई गई है.
पहले भी की गई है इसी तरह की कार्रवाई
9 जुलाई को टीटीडी ने अपने सहायक कार्यकारी अधिकारी ए. राजशेखर बाबू को निलंबित किया था. उन पर नियुक्ति के समय दिए गए हिंदू धर्म पालन के शपथ पत्र का उल्लंघन करने और एक अन्य धर्म का पालन करने का आरोप था. टीटीडी के बयान के अनुसार, "राजशेखर बाबू हर रविवार अपने गृह नगर पुत्तूर में चर्च में प्रार्थना करते थे. यह आचार संहिता का उल्लंघन है और एक हिंदू धार्मिक संस्था के प्रतिनिधि के रूप में यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है."
1 फरवरी को कार्यकारी अधिकारी ने टीटीडी में कार्यरत 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी. ये कर्मचारी विभिन्न विभागों में लेक्चरर, हॉस्टल स्टाफ, कार्यालय सहायकों, इंजीनियरों, हेल्परों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ के रूप में कार्यरत थे. आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इन कर्मचारियों को मंदिर से जुड़े कार्यों, धार्मिक आयोजनों, यात्राओं और पर्वों में नहीं लगाया जाएगा.
2021 में 40 गैर-हिंदू कर्मचारी थे टीटीडी में कार्यरत
टीटीडी के 2021 के रिकॉर्ड के अनुसार, संस्था के विभिन्न विभागों में 40 गैर-हिंदू कर्मचारी कार्यरत थे. ट्रस्ट बोर्ड ने निर्णय लिया था कि इन्हें अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित किया जाए या VRS का विकल्प दिया जाए.
सेवा नियमों के अनुसार है आस्था का पालन अनिवार्य
टीटीडी के सेवा नियमों के अंतर्गत G.O. नंबर 1060 (24 अक्टूबर 1989) के तहत, टीटीडी में नियुक्त सभी कर्मचारियों को सेवा प्रारंभ करते समय एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसमें वे हिंदू धर्म को मानने और उसी परंपरा का पालन करने की घोषणा करते हैं.


