भारत क्यों आई थी पूर्व PM शेख हसीना...एस जयशंकर ने बताई असली वजह, बांग्लादेश के साथ रिश्ते पर भी बोले
विदेश मंत्री जयशंकर से यह पूछा गया कि क्या शेख हसीना भारत में जितनी चाहें उतनी देर रह सकती है ? इस सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि यह उनका अपना फैसला है. उन्होंने कहा कि वे भारत एक खास परिस्थिति में आई थी और अब वही यह तय करेंगी की उन्हें आगे क्या करना है.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर चल रही राजनीतिक हलचल के बीच यह साफ कर दिया कि शेख हसीना की भारत में मौजूदगी उनकी अपनी पसंद है. जयशंकर ने कहा कि पिछले साल बांग्लादेश में हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद से वे भारत में ही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत, बांग्लादेश का एक अच्छा पड़ोसी और शुभचिंतक है.
आपको बता दें कि बांग्लादेश की तरफ से पूर्व पीएम शेख हसीना की मांग के बावजूद भारत ने अभी तक इस पर कोई भी सहमति नहीं दी है. पिछले महीने ही हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध करने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही भारत से शेख हसीना को वापस बांग्लादेश लाने की मांग भी की गई थी. हालांकि, अभी तक भारत सरकार की तरफ से इस मामले पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.
हसीना के भारत में रहने का अपना फैसला ?
जब एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर से यह पूछा गया कि क्या शेख हसीना भारत में जितनी चाहें उतनी देर रह सकती है ? इस सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि यह उनका अपना फैसला है. उन्होंने कहा कि वे भारत एक खास परिस्थिति में आई थी और अब वही यह तय करेंगी की उन्हें आगे क्या करना है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा चाहेगा की उसके पड़ोसी देश बांग्लादेश में लोकतांत्रिक माहौल मजबूत रहे.
भारत सभी बड़े देशों के साथ रिश्ते रखता है
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि भारत और रूस का संबंध पिछले 70 से 80 साल में सबसे स्थिर बड़े रिश्तों में रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि पुतिन की भारत यात्रा से अमेरिका व्यापार समझौता में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा कि भारत सभी बड़े देशों के साथ रिश्ते रखता है. किसी भी देश को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसे हमारे फैसलों पर वीटो जैसा असल मिलेगा.
अमेरिकी प्रशासन के लिए व्यापार एक बड़ा मुद्दा
जयशंकर ने कहा कि वर्तमान में अमेरिकी प्रशासन के लिए व्यापार एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन भारत अमेरिका के साथ अपनी शर्तों और राष्ट्रीय हितों को देखते हुए ही बातचीत करेगा. उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी किसी को खुश करने के लिए नहीं होती, बल्कि यह देश के हितों की रक्षा के लिए होती है. अमेरिका के बारे में जयशंकर ने कहा कि ट्रंप ने भारतीय सामान पर 50 % टैरिफ शुल्क लगाया है और रूसी तेल खरीदने पर 25 % अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिसकी वजह से ही दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हुआ है.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों अभी एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. इस समझौते में भारत के किसानों, छोटे कारोबारियों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ा जाएगा.
विदेश नीति की बुनियाद स्वतंत्र विकल्प...
राष्ट्रपति पुतिन के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि एक बड़े और उभरते हुए देश के रूप में भारत सभी महत्वपूर्ण देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा. उन्होंने भारत के विदेश नीति के बारे में बात करते हुए कहा कि हमारी विदेश नीति की बुनियाद है स्वतंत्र विकल्प और रणनीतिक स्वतंत्रता. यही नीति हम आगे भी जारी रखेंगे.


