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नसबंदी के बाद भी गर्भवति हुई महिला, सोनोग्राफी रिपोर्ट से चला पता, डाक्टर भी देखकर हुए दंग

परिवार नियोजन के लिए लोग आमतौर पर नसबंदी का सहारा लेते हैं। ऐसी स्थिति में कभी-कभी यह असफल भी हो सकता है और महिलाएं गर्भवती भी हो सकती हैं। इस के लिए कई कारण हो सकते है। तकनीकी त्रुटि भी एक कारण है, लेकिन इसके कारण ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं। कुछ मामलों में, नसबंदी के बाद नसबंदी प्रक्रिया को उलटा किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में नसबंदी असफल हो सकती है। वहीं, मौजूदा मामले में नसबंदी न होने के कारणों की जांच की जा रही है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

बालाघाट जिले में एक अजीब मामला सामने आया है। इसमें एक बेगा आदिवासी महिला नसबंदी के बाद भी गर्भवती हो गई। इतना ही नहीं, महिला को गर्भावस्था के 11 महीने बाद भी प्रसव पीड़ा का अनुभव नहीं हुआ। ऐसे में सोनोग्राफी रिपोर्ट से पता चला कि महिला 45 सप्ताह की गर्भवती थी। ऐसे में डॉक्टर ने हाई रिस्क केस में सफल डिलीवरी कराई, जिसमें मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

क्या है पूरा मामला?

सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि 28 वर्षीय महिला 6 फरवरी को गर्भावस्था की जांच के लिए सिविल अस्पताल वारसीवानी आई थी। जांच करने पर पता चला कि वह 11 महीने की गर्भवती थी। गर्भावस्था पूरी होने के बावजूद प्रसव पीड़ा शुरू नहीं हुई। बताया जा रहा है कि यह उनका चौथा बच्चा है। इसके अलावा, गर्भवती महिला को (मल्टीग्रेविडा, पोस्टडेटेड, पॉलीहाइड्रेमनिओस) भी था। इससे पहले तीन बार सामान्य प्रसव हो चुका था।

नसबंदी को लेकर कई बार एसडीएम कार्यालय के लगा चुकी थी चक्कर 

मां आदिवासी बेगा समुदाय से आती हैं। ऐसे में उन्हें नसबंदी के लिए एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ती है। तीन बच्चों के जन्म के बाद उन्हें कई बार कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद नसबंदी की अनुमति मिली। इस दौरान 6 महिलाओं ने नसबंदी के लिए आवेदन किया। दो साल पहले उनकी नसबंदी कराई गई थी, लेकिन पूर्णिमा गेदाम की नसबंदी विफल हो गई और वह गर्भवती हो गई। ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने से परिवार का पालन-पोषण करने में कठिनाई हो रही है। अब उसकी पुनः नसबंदी कर दी गई थी।

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12 February 2025, 01:02 PM IST

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