'आतंकवादी हमलों में मारे गए 20000 भारतीय', भारत ने UN में दुनिया के सामने रखी पाकिस्तान की सच्चाई
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया, जबकि पाकिस्तान ने इस कदम को "जल युद्ध" कहा. यह संधि 1960 में हुई थी और दोनों देशों के जल संसाधनों के बंटवारे को नियंत्रित करती है. इस निर्णय से पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया है. इस बर्बर हमले 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश भारतीय पर्यटक थे. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है.
भारत का सख्त कदम
भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि सिंधु जल संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता. उन्होंने पाकिस्तान को "आतंकवाद का वैश्विक केंद्र" बताते हुए कहा कि भारत ने हमेशा एक जिम्मेदार ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में काम किया है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले चार दशकों में आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिक मारे गए हैं.
पाकिस्तान ने बताया वाटर वॉर
पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को "जल युद्ध" (water warfare) करार दिया है. पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री अयविस लेघारी ने इसे "निंदनीय और अवैध कदम" बताया और कहा कि "हर बूंद हमारा अधिकार है, और हम इसे पूरी ताकत से बचाएंगे." पाकिस्तान ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि भारत ने पानी की आपूर्ति को बाधित किया, तो इसे युद्ध के समान माना जाएगा.
सिंधु जल संधि का महत्व
सिंधु जल समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था. इस संधि के तहत, पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पूर्ण नियंत्रण प्राप्त है, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का उपयोग करने का अधिकार है. भारत को इन नदियों के पानी का सीमित उपयोग करने की अनुमति है, जैसे कि कृषि, बिजली उत्पादन और घरेलू उपयोग के लिए. हालांकि, संधि में पानी की आपूर्ति को बाधित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
भारत के कदम
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान से पानी की आपूर्ति को रोकने की योजना बनाई है. इससे पाकिस्तान की कृषि, बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. पाकिस्तान का लगभग 80% कृषि क्षेत्र इन नदियों पर निर्भर है, और पानी की आपूर्ति में कोई भी रुकावट खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों से संयम बरतने और द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से विवादों का समाधान खोजने की अपील की है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है.


