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निज्जर के गढ़ में खोला 'खालिस्तानी दूतावास', कनाडाई सरकार चुप...भारत के साथ रिश्ते फिर हो सकते हैं तल्ख

कनाडा के सरे शहर में 'खालिस्तान गणराज्य का दूतावास' की प्रतीकात्मक स्थापना ने भारत-कनाडा संबंधों में फिर तनाव बढ़ा दिया है. सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा जनमत संग्रह और निज्जर हत्याकांड की जांच ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. भारत ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

जब भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में कुछ सुधार की उम्मीदें बन रही थीं, उसी समय कनाडा में एक नई विवादास्पद गतिविधि ने इन प्रयासों को गंभीर चुनौती दी है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में स्थित एक सिख गुरुद्वारे में 'खालिस्तान गणराज्य का दूतावास' नामक एक प्रतीकात्मक दूतावास की स्थापना ने राजनयिक माहौल को फिर से अस्थिर कर दिया है.

खालिस्तानी तत्वों की नई चाल

यह दूतावास स्वयंभू रूप से स्थापित किया गया है और इसका उद्घाटन उस समय हुआ जब प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा खालिस्तान जनमत संग्रह की तैयारियां चल रही थीं. जिस गुरुद्वारे में यह प्रतीकात्मक दूतावास बनाया गया, वह कभी खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का केंद्र रहा है. जून 2023 में इसी गुरुद्वारे की पार्किंग में निज्जर की हत्या कर दी गई थी, जिसने भारत-कनाडा संबंधों में गहरी दरार डाल दी थी.

भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

सूत्रों के अनुसार, भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर करीबी निगरानी रख रही हैं. भारत पहले भी कई बार कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चिंता जता चुका है. भारत का कहना है कि ये तत्व कनाडा की ज़मीन का इस्तेमाल भारत में हिंसा फैलाने और साजिश रचने के लिए करते हैं.

भारत की स्पष्ट नाराजगी

भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए कनाडा सरकार की आलोचना की है. नई दिल्ली ने इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है और कहा है कि इस तरह की गतिविधियां भारत-विरोधी ताकतों को बढ़ावा देती हैं. यह मामला भारत के लिए संवेदनशील इसलिए भी है क्योंकि 1985 में एयर इंडिया बम धमाके जैसे भयावह हमलों की जड़ भी इन्हीं तत्वों में मानी जाती है.

सीएसआईएस की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

जून 2024 में कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS (Canadian Security Intelligence Service) ने पहली बार आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि कनाडा की धरती पर सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं. अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सीएसआईएस ने कहा कि ये समूह राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हिंसक उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं. हालांकि 2024 में कोई सीधा हमला दर्ज नहीं हुआ, लेकिन एजेंसी ने आगाह किया कि ये तत्व विदेशों में हिंसा की योजना बनाने, धन जुटाने और साजिश रचने में सक्रिय रहेंगे.

निज्जर हत्या मामले की जांच जारी

सीएसआईएस की यह रिपोर्ट उस समय आई जब निज्जर की हत्या की जांच अपने अंतिम चरण में है. मई 2024 में चार संदिग्धों को गिरफ़्तार किया गया और उन पर हत्या और षड्यंत्र के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह घटनाक्रम भारत-कनाडा के रिश्तों में एक और तनाव का कारण बन सकता है.
 

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05 August 2025, 04:41 PM IST

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