'हमारा समय आ गया है...', खामेनेई को बेदखल करने के लिए ईरान के पूर्व राजा के बेटे ने भरी हुंकार
ईरान के पूर्व शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के बेटे रजा पहलवी ने इस्लामिक शासन के खिलाफ आवाज बुलंद की है. वे ईरान में लोकतंत्र की बहाली चाहते हैं और इजरायली हमलों को शासन को कमजोर करने का अवसर मानते हैं. अमेरिका में रहकर वे वैश्विक समर्थन मांग रहे हैं और 40 वर्षों से बदलाव के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

इजरायल-ईरान की जंग में अब उस राजा के बेटे की आवाज बुलंद हो रही है जिसके पिता शाह मोहम्मद रजा पहलवी को 46 साल पहले ईरान की इस्लामिक क्रांति के दौरान मुल्क छोड़कर भागना पड़ा था. शाह मोहम्मद रजा पहलवी के बेटे रजा पहलवी ने कहा है कि 40 सालों से वे ईरान के लिए जंग लड़ रहे हैं और अब हमारा समय आ गया है.
ईरान के कुछ ऐसे नागरिक हैं जो मुल्क पर इजरायली हमले का समर्थन कर रहे हैं. ये लोग इसे मुक्ति का संघर्ष कह रहे हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं रजा शाह पहलवी. ये नाम कोई साधारण नाम है. रजा शाह पहलवी वो व्यक्ति हैं जिनका खानदान कभी ईरान की सत्ता पर राज करता था. 1979 तक रजा शाह पहलवी के पिता शाह मोहम्मद रेजा पहलवी ईरान के राजा हुआ करते थे. रजा शाह पहलवी ने अली खामेनेई को सत्ता से बाहर करने के लिए हुंकार भरी है और कहा है कि ईरान की सत्ता बदलने का समय आ गया है. हमारा समय आ गया है.
ईरान में 37 वर्ष पूर्व एक जबरदस्त क्रांति हुई थी. इस क्रांति ने ईरान का धार्मिक-राजानीतिक और सामाजिक ताना-बाना बदल डाला. उदार ईरान अब कट्टरता की ओर बढ़ रहा था. इस क्रांति के फलस्वरूप दो लोगों के भाग्य ने 180 डिग्री का पलटा खाया. ये दो लोग थे. शाह मोहम्मद रेजा पहलवी और अयातुल्ला खुमैनी. इस क्रांति के बाद ईूरान की सत्ता पर 26 साल से राज कर रहे शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उनके पद से हटा दिया गया. शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को जान बचाने के लिए मिस्र भागने पर मजबूर होना पड़ा. वहीं इसी क्रांति के बाद 14 साल से इराक और फ्रांस में निर्वासित जीवन बिता रहे अयातुल्ला खुमैनी वापस ईरान आए थे. तब और लाखों लोगों ने उनका स्वागत कर उन्हें ईरान का सर्वोच्च नेता बनाया था.
3 जून 1989 को अयातुल्ला खुमैनी की मृत्यु हो गई. उनके उत्तराधिकारी के रूप में अली खामेनेई को चुना गया.हालांकि, खामेनेई उस समय एक ग्रैंड आयातुल्लाह (Grand Ayatollah) नहीं थे, जो संविधान के अनुसार सुप्रीम लीडर बनने के लिए आवश्यक था. इसलिए संविधान में संशोधन किया गया. ईरान के मौजूदा सर्वोच्च धर्मगुरु अली खामेनेई इन्हीं अयातुल्ला खुमैनी के शागिर्द हैं. खुमैनी ने खामेनेई को राजनीतिक और धार्मिक रूप से तैयार किया और उनकी मृत्यु के बाद खामेनेई ने उनकी विरासत को आगे बढ़ा रजा शाह पहलवी इन्हीं शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के बड़े बेटे हैं. वे अभी में अमेरिका में रहते हैं और ईरानी विपक्षी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा हैं. रजा शाह पहलवी को मिस्र में राजा के पद की शपथ दिलाई गई थी. रजा पहलवी नेशनल काउंसिल ऑफ ईरान (National Council of Iran) के संस्थापक और नेता हैं. यह एक निर्वासित विपक्षी समूह है. यह समूह ईरान में लोकतांत्रिक सुधार और इस्लामिक रिपब्लिक के खात्मे की वकालत करता है. रजा शाह पहलवी देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चला रहे हैं. रजा पहलवी का राजनीतिक प्लान ईरान में एक संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना पर केंद्रित है, जहां एक संवैधानिक राजा (Constitutional Monarch) होगा और लोकतांत्रिक संस्थान होंगे
अमेरिका के साथ सहयोग
रजा पहलवी अमेरिका में रहते हैं और अक्सर अमेरिकी नीति निर्माताओं, थिंक टैंक्स और मीडिया के साथ विचार विमर्श करते रहते हैं. ईरान की मौजूदा सरकार और अमेरिका के बीच बेहद कड़के रिश्ते हैं. मौजूदा ईरान हमेशा अमेरिका के खात्मे की वकालत करता है जबकि अमेरिका ईरान को 'बुराई की धुरी' बताता है. पहलवी अमेरिकी सरकार से ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाने और ईरानी लोगों को समर्थन देने की अपील करते हैं. उनकी विचारधारा अमेरिकी हितों के अनुरूप मानी जाती है.
इजरायल के साथ अच्छे संबंधों की पैरवी
ईरान पर हाल के इजरायली हमलों के बाद रजा शाह पहलवी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि ये अली खामेनेई का युद्ध है, ईरान के लोगों का नहीं. उन्होंने कहा, "यह उनका युद्ध है, ईरानी लोगों का नहीं. युद्ध तो आखिरकार कुछ भी हो सकता है जो शासन को कमजोर करता है. कुछ भी जो उसे पीछे धकेलता है. यह कुछ ऐसा है जिसका लोग स्पष्ट कारणों से स्वागत करते हैं क्योंकि वे देखते हैं कि उनकी गर्दन पर कसी रस्सी की पकड़ अब ढीली होने वाली है. यह सकारात्मक है, नकारात्मक नहीं."
रजा शाह पहलवी के अनुसार इजरायली हमलों से ईरान का मौजूदा प्रशासन कमजोर होता है तो ईरान में बदलाव की डगर खुल जाएगी. उन्होंने कहा कि, 'मैं समझता हूं कि ईरानी शासन के पहले से भी अधिक कमजोर हो जाने के परिणामस्वरूप ईरानी लोगों के लिए आखिरकार स्वयं को स्वतंत्र करने का यह एक अवसर है, बशर्ते कि इस बार दुनिया निष्क्रिय न बैठे और यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करे कि प्रतिबंध लगाने या अन्य उपायों के अलावा वे ईरानी लोगों को लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए अगला कदम उठाने के लिए तैयार हैं. निश्चित रूप से रजा शाह पहलवी का ये कदम अमेरिका और इजरायल से ईरान में सत्ता में बदलाव लाने के लिए किया गया पुकार है.
40 साल से लोकतंत्र के लिए संघर्ष
रजा पहलवी अभी एक्स पर जबरदस्त सक्रिय हैं. और दुनिया से ईरान पर सरकार पलटने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 40 से ज़्यादा सालों से मैं एक ही चीज के लिए लड़ रहा हूं, वो चीज है ईरान में लोकतंत्र. अब हमारा समय आ गया है.
ईरानी शासन को आपके जान की परवाह नहीं
रजा शाह पहलवी ने कहा है कि दमन और दुष्प्रचार इस्लामी गणराज्य के अस्तित्व के दो मुख्य स्तंभ रहे हैं. सैन्य, कानून प्रवर्तन, सुरक्षा बलों, ईरानी ब्रॉडकास्ट और समाचार एजेंसियों सहित शासन के दमनकारी और दुष्प्रचार संस्थानों के साथ सहयोग करना अपराधों और झूठ में मिलीभगत है.
पहलवी ने कहा कि इजरायली हमले का मकसद ईरानी जनता को चोट पहुंचाना नहीं है. रजा शाह पहलवी ने 15 जून को एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इस हमले का उद्देश्य ईरानी लोगों को नुकसान पहुंचाना था. इस हमले का उद्देश्य मूल रूप से शासन के खतरे को बेअसर करना था. स्पष्ट रूप से. इजरायल सरकार का ईरानी नागरिकों पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था."


