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क्या इजरायल पर गिरेगा पाक का परमाणु बम? शाहीन-3 को लेकर मचा हड़कंप

Iran-Israel War के बीच पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल फिर चर्चा में है। आशंका है कि Pakistan यह परमाणु क्षमता वाली Missile ईरान को सौंप सकता है, जिससे इजरायल की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है। पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: Iran-Israel War के बीच पाकिस्तान का शाहीन-3 मिसाइल अचानक सुर्खियों में है. आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान अपनी यह लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल ईरान को सौंप सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो यह न सिर्फ इजरायल के लिए, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया के लिए विनाशकारी मोड़ होगा. पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल को 'India Killer'कहा जाता है. इसकी रेंज करीब 2750 किलोमीटर है, जो Israel तक पहुंचने के लिए पर्याप्त है. अब जब ईरान और इजरायल के बीच जंग का माहौल है, तो Pakistani military strategists की ईरान को यह मिसाइल देने की संभावना ने खलबली मचा दी है. सूत्रों के मुताबिक ईरान के कुछ सैन्य अधिकारियों ने शाहीन-3 की कार्यक्षमता में रुचि दिखाई है. इसके अलावा चीन के साथ पाकिस्तान की बढ़ती निकटता और ईरान को सैन्य मदद देने का संकेत एक नई धुरी को जन्म दे सकता है.

 इजरायल को क्यों है शाहीन-3 से डर?

इजरायल की सैन्य खुफिया एजेंसियों के लिए शाहीन-3 किसी बुरे सपने से कम नहीं. क्योंकि इस मिसाइल में न केवल लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता है, बल्कि यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. अगर ईरान को यह हथियार मिल जाता है, तो इजरायल को तीन तरफ से घेरने का खतरा पैदा हो सकता है—हमास, हिजबुल्ला और अब संभावित तौर पर ईरान से भी. इजरायल की रक्षा प्रणाली आयरन डोम इतनी बड़ी मिसाइल को रोक पाने में पूरी तरह सक्षम नहीं मानी जाती. यही वजह है कि अमेरिकी पेंटागन ने भी इस पर गंभीर चिंता जताई है.

तीन तरफा घेराबंदी का डर

पाकिस्तान आधिकारिक रूप से यह मिसाइल ईरान को देने की बात से इनकार कर सकता है, लेकिन बैकचैनल डिप्लोमेसी और गुप्त सैन्य डील्स इस क्षेत्र में कोई नई बात नहीं हैं. पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि शाहीन-3 की तकनीक को ट्रांसफर करना पाकिस्तान की 'उपस्थिति' को पश्चिम एशिया में बढ़ा सकता है. वहीं अमेरिका और इजरायल को भी यह डर है कि पाकिस्तान इस मौके का इस्तेमाल कर ईरान के जरिए पश्चिमी ताकतों पर दबाव बनाना चाहता है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है.

क्या शाहीन-3 भारत के लिए बना, पर इजरायल पर गिरेगा?

दिलचस्प बात ये है कि शाहीन-3 को मूल रूप से भारत को टारगेट करने के लिए डिजाइन किया गया था. लेकिन अब वही मिसाइल अगर इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल होती है, तो यह पाकिस्तान की सैन्य नीति में बड़े बदलाव का संकेत होगा. भारत के रक्षा सूत्र मानते हैं कि अगर यह मिसाइल ईरान को दी जाती है, तो तकनीक का विस्तार रिवर्स इंजीनियरिंग के ज़रिए आतंकी संगठनों तक भी पहुंच सकता है. यही वजह है कि भारत इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है.

ईरान-पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य नजदीकियां

पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान और ईरान के बीच सैन्य संपर्कों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. दोनों देशों के बीच कुछ रक्षा समझौते भी हुए हैं जिनका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया. शाहीन-3 जैसे घातक हथियार को लेकर दोनों के बीच बातचीत चल रही है, ऐसी खुफिया सूचनाएं पश्चिमी एजेंसियों के पास हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि ईरान के पास इजरायल के खिलाफ प्रत्यक्ष हमले की ताकत जुटाने का इरादा हो सकता है—और पाकिस्तान उसका प्रमुख सहयोगी बन सकता है.

इजरायल ने बढ़ाई सुरक्षा, पाकिस्तान पर दबाव

Israel अब इस संभावित खतरे से निपटने के लिए अपनी सुरक्षा नीति की समीक्षा कर रहा है. वह America and NATO के सहयोग से अपनी मिसाइल डिफेंस क्षमता को अपग्रेड करने में लगा है. साथ ही, Israel यह भी कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाए ताकि वह ईरान को कोई भी हथियार न दे सके. इस पूरी कूटनीतिक रस्साकशी में भारत की भूमिका एक संतुलन साधने वाली हो सकती है.

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17 June 2025, 04:24 PM IST

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