'बाबरी की पहली ईंट रखेगी पाक आर्मी', पलवाशा खान के बयान से भारत में आक्रोश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव है. इसी बीच पाकिस्तानी सीनेटर पलवाशा मोहम्मद जई खान ने अयोध्या में बनने वाली बाबरी मस्जिद को लेकर भड़काऊ बयान दिया कि उसकी पहली ईंट पाक सेना रखेगी. उनके बयान से विवाद और भी बढ़ गया है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसके बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं. इसी बीच पाकिस्तान की एक सीनेटर पलवाशा मोहम्मद जई खान का विवादास्पद बयान सामने आया है, जिसने माहौल को और गरमा दिया है.
वायरल हुआ पलवाशा का बयान
29 अप्रैल को पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन (सीनेट) में पलवाशा खान ने बयान दिया कि अयोध्या में बनने वाली नई बाबरी मस्जिद की पहली ईंट पाकिस्तान की सेना रखेगी, और पहली अज़ान खुद पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर देंगे. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और भारत में इसकी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. उन्होंने यह भी कहा, “हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं”, जो कि उनके तेवर को दर्शाता है.
कौन हैं पलवाशा मोहम्मद जई खान?
पलवाशा खान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की नेता हैं और इस समय पार्टी की उप सूचना सचिव हैं. वे मार्च 2021 से सीनेट (पाक संसद का ऊपरी सदन) की सदस्य हैं और उन्होंने सिंध प्रांत से महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर जीत हासिल की थी. इससे पहले, पलवाशा 2008 से 2013 तक नेशनल असेंबली (निचला सदन) की सदस्य भी रह चुकी हैं.
पलवाशा खान का राजनीतिक परिवार से भी गहरा नाता है. वे फौज़िया बेहराम की भतीजी हैं, जो 1988-1990 के आम चुनावों में पंजाब विधानसभा की एकमात्र महिला सदस्य थीं और पाकिस्तान की जानी-मानी राजनीतिज्ञ व व्यवसायी मानी जाती हैं.
सिख समुदाय को लेकर दिया बयान
पलवाशा ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना में मौजूद सिख जवान भारत पर कभी हमला नहीं करेंगे, क्योंकि पाकिस्तान उनके लिए गुरु नानक देव जी की धरती है. उन्होंने कहा कि भारत को समझना चाहिए कि धार्मिक भावनाएं भी इस संघर्ष में अहम भूमिका निभा सकती हैं.
भारत-पाक तनाव में और वृद्धि
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल समझौते को रोकना, पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद करना, दूतावास कर्मचारियों की संख्या कम करना, और अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करना जैसे निर्णय शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय सेना ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी का कड़ा जवाब दिया है.
पलवाशा खान का बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है. उनका यह बयान न सिर्फ भारत में तीखी आलोचना का कारण बना, बल्कि पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति और रणनीति पर भी सवाल खड़े कर रहा है.


