'पाकिस्तान बहुत चालाक देश, ऑपरेशन सिंदूर में से रहें दूर', चार्ली किर्क ने राष्ट्रपति ट्रंप को दी थी सलाह
यूटा में अमेरिकी रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या राजनीतिक हत्या मानी गई. किर्क ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिका की सीमित भूमिका की वकालत की थी. विश्वविद्यालय में भाषण के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हुई. एफबीआई ने राइफल बरामद कर संदिग्ध की तलाश तेज की.

Utah shooting: यूटा में रूढ़िवादी कार्यकर्ता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी चार्ली किर्क की हत्या ने अमेरिका और वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी. घटना के तुरंत बाद यूटा के गवर्नर ने इसे राजनीतिक हत्या करार दिया. किर्क की हत्या ने उनके विचारों और सार्वजनिक वक्तव्यों पर फिर से ध्यान केंद्रित कराया, जिसमें भारत-पाकिस्तान विवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर उनके दृष्टिकोण प्रमुख रहे.
ऑपरेशन सिंदूर और किर्क का नजरिया
31 वर्षीय किर्क ने 8 मई को अपने पॉडकास्ट में भारतीय प्रवासियों और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर अपनी राय व्यक्त की थी. उन्होंने अमेरिका से भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया. किर्क ने पाकिस्तान को धूर्त अभिनेता बताते हुए ओसामा बिन लादेन को पनाह देने का आरोप लगाया और भारत की जवाबी कार्रवाई को इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर हैं, लेकिन यह हमारी लड़ाई नहीं है. अमेरिका को इसमें नैतिक समर्थन से अधिक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए."
परमाणु युद्ध की आशंका पर विचार
किर्क ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मानते हैं कि संघर्ष परमाणु युद्ध में नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि यह किसी भी तरह परमाणु शक्ति तक बढ़ेगा. हमें बातचीत की उम्मीद रखनी चाहिए, लेकिन यह देखना होगा कि क्या हर अंतरराष्ट्रीय संघर्ष अमेरिका की समस्या है या नहीं.
युद्ध में अमेरिका की भूमिका पर विचार
किर्क ने जोर देकर कहा कि अमेरिका केवल सीमित समर्थन दे सकता है. उन्होंने कहा कि हम भारत का थोड़ा-सा समर्थन कर सकते हैं क्योंकि वे इस्लामी आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, लेकिन यह नैतिक समर्थन से अधिक नहीं होना चाहिए. यह ऐसा संघर्ष नहीं जिसमें हमें सीधे शामिल होना चाहिए.
विश्वविद्यालय में विवाद
किर्क को यूटा वैली विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-प्रायोजित कार्यक्रम में भाषण देते समय एक दूर की छत से गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनका दौरा कुछ छात्रों के विरोध का सामना कर रहा था, जिसमें ऑनलाइन याचिका पर लगभग 1,000 हस्ताक्षर शामिल थे. विश्वविद्यालय ने पहले बयान जारी करते हुए प्रथम संशोधन अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बौद्धिक अन्वेषण और रचनात्मक संवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी.
जांच और संदिग्ध की तलाश
यूटा के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग और एफबीआई की संयुक्त टीम ने हत्या के मामले में जांच तेज कर दी है. अधिकारियों ने कहा कि कोई संदिग्ध अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है और हत्या को लक्षित हमला बताया गया है. एफबीआई ने बताया कि हमले में प्रयुक्त उच्च-शक्ति वाली राइफल बरामद कर ली गई है और संदिग्ध की पहचान के लिए वीडियो फुटेज और अन्य सबूत जुटाए जा रहे हैं.
किर्क की विरासत
चार्ली किर्क अपने विवादास्पद विचारों और युवाओं में रूढ़िवादी राजनीति फैलाने के प्रयासों के लिए जाने जाते थे. उन्होंने ट्रंप समर्थक युवा मतदाताओं को संगठित किया और टर्निंग पॉइंट यूएसए के माध्यम से अमेरिकी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई. उनके विचार और दृष्टिकोण, चाहे विवादास्पद हों, अब उनके निधन के बाद भी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं.


