पाकिस्तान में होने जा रहा बड़ा उलटफेर! राष्ट्रपति जरदारी ने बुलाई बड़ी बैठक, विदेश से लौटे शहबाज शरीफ
पाकिस्तान में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 2 दिसंबर को संसद की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा में राष्ट्रपति शासन, फील्ड मार्शल असीम मुनीर की नियुक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा व राजनीतिक नियंत्रण पर चर्चा होगी.

नई दिल्लीः पाकिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय रणनीति बनाने के लिए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 2 दिसंबर को संसद के दोनों सदनों की आपात बैठक बुलाई है. सुरक्षा विशेषज्ञों और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम देश में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और संवेदनशील क्षेत्रों में तनाव को देखते हुए उठाया गया है. विदेश यात्रा पर गए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी आनन-फानन में इस्लामाबाद वापस लौटना पड़ा, जिससे इस बैठक की गंभीरता और बढ़ गई है.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित बैठक
सूत्रों के अनुसार, इस आपात संसद सत्र में पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंध, सीमा पर जारी ऑपरेशन्स, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा चुनौतियों, और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. शीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि बैठक के पीछे फील्ड मार्शल असीम मुनीर की रणनीतिक पहल भी शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर जरदारी के साथ मिलकर पाकिस्तान में नया कमांड ढांचा स्थापित करना चाहते हैं. यह प्रयास विशेष रूप से खैबर पख़्तूनख़्वा में इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
खैबर पख्तूनख्वा में राष्ट्रपति शासन
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में खैबर पख्तूनख्वा में राष्ट्रपति शासन लागू करने और वहां प्रशासनिक ढांचे को प्रभावी बनाने की योजना पर भी चर्चा होगी. सेना का उद्देश्य तालिबान के दबाव से क्षेत्र को सुरक्षित रखना और पीटीआई के शासन वाले प्रांत में नियंत्रण स्थापित करना है. शहबाज शरीफ की अचानक वापसी, असीम मुनीर को लेकर नोटिफिकेशन की तैयारी, और संसद की आपात बैठक, सभी एक समन्वित रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं.
इमरान खान की पार्टी को सत्ता से हटाने की तैयारी
राष्ट्रपति जरदारी, फील्ड मार्शल मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खैबर प्रांत में PTI के प्रभाव को कम करने और सत्ता से हटाने की रणनीति बनाएंगे. इसके अतिरिक्त, बैठक में गाजा में सेना की तैनाती, अमेरिका के साथ खनिज डील, और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि अगले 24 घंटे में चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है. संसद के माध्यम से इन सभी कदमों को वैधानिक मान्यता देने की तैयारी है.
यूएन ने भी उठाए सवाल
शहबाज शरीफ की यह रणनीति राजनीतिक विवाद से बचते हुए पीटीआई को खैबर प्रांत से सत्ता हटाने के इरादे को दर्शाती है. पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने भी इमरान खान और उनकी पार्टी के मुद्दों पर सवाल उठाए थे. पाकिस्तानी सेना खैबर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए अफगानिस्तान से जुड़े विवाद को भी जोड़ रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बैठक का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि राजनीतिक नियंत्रण और संवेदनशील क्षेत्रों में प्रशासनिक ढांचा मजबूत करना भी है.


