क्या अब सामने आएगा एपस्टीन का राज? बर्थडे लेटर विवाद के बाद ट्रंप ने पाम बॉन्डी को दिया बड़ा निर्देश
डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन फाइल्स को लेकर बड़ा बयान दिया है. फर्जी बर्थडे लेटर विवाद के बाद ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से कहा है कि वे एपस्टीन केस से जुड़ी सभी ग्रैंड जूरी गवाहियों को सार्वजनिक करें. ट्रंप ने इस पूरे मामले को स्कैम करार देते हुए डेमोक्रेट्स पर साजिश का आरोप लगाया है.

Trump Epstein Files: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से कहा है कि वे बदनाम फाइनेंसर और यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेजों को कोर्ट की अनुमति से सार्वजनिक करें. यह निर्देश वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें दावा किया गया कि ट्रंप ने 2003 में एपस्टीन के 50वें जन्मदिन पर एक ऐसा पत्र भेजा था जिसमें एक नग्न महिला की ड्राइंग बनी हुई थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने इस कथित पत्र को फेक बताते हुए वॉल स्ट्रीट जर्नल पर मुकदमा करने की चेतावनी दी है और स्पष्ट किया है कि उन्होंने जीवन में कभी कोई ड्राइंग नहीं बनाई. इसके तुरंत बाद, ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर गुस्से में पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने पाम बॉन्डी से एपस्टीन फाइल्स से संबंधित सभी ग्रैंड जूरी गवाहियों को पेश करने के लिए कहा है.
अब खत्म होना चाहिए यह SCAM: ट्रंप
गुरुवार, 18 जुलाई को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "जेफरी एपस्टीन को दिए गए बेतुके प्रचार के आधार पर, मैंने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से कहा है कि वे अदालत की मंजूरी के अधीन, ग्रैंड जूरी की सभी प्रासंगिक गवाही पेश करें. डेमोक्रेट्स द्वारा चलाया जा रहा यह घोटाला अभी बंद होना चाहिए!"
ट्रंप के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज़ हो गई है, खासकर तब जब उन पर उनके ही समर्थक मागा समूह की ओर से एपस्टीन से जुड़ी 'क्लाइंट लिस्ट' को जारी न करने को लेकर भारी दबाव था.
इससे ठीक एक दिन पहले, बुधवार को ट्रंप ने एक नरम रुख अपनाते हुए कहा था कि पाम बॉन्डी को जो भी जानकारी "विश्वसनीय" लगे, उसे सार्वजनिक करना चाहिए.
न्याय विभाग और FBI पहले ही बंद कर चुके हैं केस
यह पूरा घटनाक्रम तब सामने आया है जब कुछ हफ्ते पहले अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) और फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने आधिकारिक रूप से एलान किया कि एपस्टीन से जुड़ा केस बंद कर दिया गया है.
DOJ की रिपोर्ट में कहा गया, "एपस्टीन की कोई भी 'ग्राहक सूची' नहीं है, कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है ... कि एपस्टीन ने प्रमुख व्यक्तियों को ब्लैकमेल किया हो, और कोई भी साक्ष्य नहीं है जो आरोप मुक्त तीसरे पक्ष के खिलाफ जांच का आधार बन सके."
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि एपस्टीन की जेल में मौत से पहले उसकी मैनहट्टन सेल में कोई भी नहीं घुसा था और जांच में किसी भी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ कोई आपराधिक प्रमाण नहीं मिला.


