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अफगानिस्तान में भूकंप से भारी तबाही, अब तक 800 लोगों की मौत; 1000 से ज्यादा घायल...बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

पूर्वी अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता के भूकंप ने जलालाबाद व कुनार को बुरी तरह प्रभावित किया, अब तक 800 मौतें और 1000 से अधिक घायल होने की खबर है. भूकंप की गहराई मात्र 8 किलोमीटर थी. पाकिस्तान और भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Afghanistan earthquake: पूर्वी अफगानिस्तान में सोमवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के भीषण भूकंप ने तबाही मचा दी. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप रात 11:47 बजे आया और इसका केंद्र नांगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से लगभग 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित था. उथले भूकंप की गहराई मात्र 8 किलोमीटर थी, जिसकी वजह से नुकसान अत्यधिक हुआ. रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 800 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.

पाकिस्तान भी झटकों से हिला

भूकंप के तेज झटके पड़ोसी पाकिस्तान तक महसूस किए गए. खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत के कई जिलों में जमीन हिल गई. पेशावर, रावलपिंडी और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में भी लोगों ने झटके महसूस किए और कई लोग घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने फिलहाल किसी बड़े नुकसान या जनहानि की पुष्टि नहीं की है.

जलालाबाद और कुनार में भारी तबाही

अफगानिस्तान का जलालाबाद शहर इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में है. यह शहर पाकिस्तान से सटा एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है और इसकी आबादी लगभग तीन लाख के करीब है. भूकंप ने न केवल जलालाबाद बल्कि पड़ोसी कुनार प्रांत के कई कस्बों को भी प्रभावित किया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई इलाकों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, जिसके चलते मृतकों और घायलों की वास्तविक संख्या और भी अधिक हो सकती है.

आफ्टरशॉक ने बढ़ाई दहशत

भूकंप के बाद इलाके में लगातार आफ्टरशॉक महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, मुख्य झटके के बाद 4.0 से 5.0 तीव्रता के कई झटके दर्ज किए गए. इनमें से एक 6.3 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी रहा, जबकि 4.7 तीव्रता का झटका 140 किलोमीटर गहराई में महसूस किया गया. इन झटकों ने राहत और बचाव कार्यों को और मुश्किल बना दिया है.

तालिबान प्रशासन की चुनौती

काबुल में तालिबान-नियंत्रित प्रशासन ने कहा कि राहत कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि प्राथमिक उपचार और दवाइयों की भारी कमी है, जबकि घायल लोग अस्पतालों में लगातार पहुंच रहे हैं. मरने वालों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है.

उथले भूकंप क्यों होते हैं खतरनाक?

भूगर्भ विशेषज्ञों का कहना है कि गहराई कम होने के कारण यह भूकंप बेहद विनाशकारी साबित हुआ. जब भूकंपीय तरंगों को सतह तक पहुंचने की दूरी कम होती है तो जमीन तेजी से हिलती है और इमारतें ज्यादा क्षतिग्रस्त होती हैं. यही वजह है कि अपेक्षाकृत मध्यम तीव्रता का यह भूकंप भी इतने बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि का कारण बना.

अंतरराष्ट्रीय मदद की उम्मीद

अफगानिस्तान पहले ही मानवीय संकट से जूझ रहा है और अब इस आपदा ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों और पड़ोसी देशों से मदद की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं ने प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजने की घोषणा की है.

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01 September 2025, 04:08 PM IST

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