‘इंडिया आउट’से ‘इंडिया फर्स्ट’तक, रिश्तों मे आई गर्माहट... मोदी की मालदीव यात्रा ने बदला राजनीतिक माहौल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजु से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी. भारत ने 565 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता देने और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू करने का आश्वासन दिया. मोदी ने हनीमदू एयरपोर्ट विस्तार का उद्घाटन भी किया. यह यात्रा दोनों देशों के बीच हालिया तनाव के बाद संबंधों को सुधारने की एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजु के साथ औपचारिक बातचीत की. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मालदीव के रिश्तों में पहले कुछ खटास आ चुकी थी. मोदी की यह दो दिवसीय यात्रा ब्रिटेन यात्रा के बाद हो रही है और इसे रणनीतिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति मुइजु ने साल 2023 में "इंडिया आउट" अभियान के साथ सत्ता में कदम रखा था.
मोदी बने मुइजु से मिलने वाले पहले विदेशी नेता
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह माले पहुंचे और राष्ट्रपति मुहम्मद मुइजु से मिलने वाले पहले विदेशी नेता बन गए. यह मुलाकात दोनों देशों के बीच खटास के बाद रिश्तों में आई सकारात्मकता को दर्शाती है. इस दौरे के दौरान भारत की ओर से मालदीव को 565 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (ऋण सुविधा) दिए जाने की संभावना है. साथ ही, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत की औपचारिक शुरुआत भी इस दौरान हो सकती है.
हवाई अड्डे के विस्तार का उद्घाटन भी करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान हनीमदू द्वीप पर स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार कार्य का रिमोट उद्घाटन भी करेंगे, जिसे भारत की मदद से विकसित किया जा रहा है. यह परियोजना मालदीव के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भारत की भूमिका को रेखांकित करती है.
स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी होंगे शामिल
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की ब्रिटेन से स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भी भाग लेंगे. यह भारत-मालदीव के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती देने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है.
भारत-मालदीव संबंधों में आई दरार और फिर सुधार
राष्ट्रपति मुइजु के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव आ गया था. उन्होंने ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति को खत्म करने की बात कही थी और चीन से रिश्ते मजबूत किए थे. लेकिन इसके बाद भी भारत ने मालदीव की आर्थिक मदद जारी रखी और 7.5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को कर्ज़ संकट से उबारने में अहम भूमिका निभाई. इसके चलते भारत ने एक बार फिर मालदीव में अपनी पकड़ मजबूत की.
कूटनीति से फिर बहाल हुआ भरोसा
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा से पहले बताया कि लगातार और उच्च स्तरीय कूटनीति से दोनों देशों के बीच रिश्ते दोबारा पटरी पर आए हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे कई मौके आते हैं जब कुछ घटनाएं रिश्तों पर असर डालती हैं, लेकिन यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत ने इस रिश्ते को कितनी गंभीरता से संभाला है."
भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बात का संकेत है कि राष्ट्रपति मुइजु ने अपने पुराने रवैये से पीछे हटते हुए रिश्तों को सुधारने का फैसला लिया है. उन्होंने माना कि यह भारत और मालदीव के बीच पुराने भरोसे को बहाल करने की कोशिश का हिस्सा है.
'पड़ोसी प्रथम' नीति में मालदीव की अहम भूमिका
भारत की विदेश नीति में मालदीव को विशेष स्थान प्राप्त है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मालदीव भारत की "पड़ोसी प्रथम" (Neighbourhood First) नीति और MAHASAGAR विज़न (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) का एक महत्वपूर्ण भागीदार है. यह रणनीति समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने की भारत की दीर्घकालिक नीति का हिस्सा है.
भारत-मालदीव संबंधों में आई नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि भारत और मालदीव के बीच संबंध फिर से प्रगाढ़ हो रहे हैं. कूटनीतिक प्रयासों और आर्थिक सहयोग के बल पर दोनों देशों ने अपने पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत की है. आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग को और अधिक गहराई मिलने की उम्मीद है.


