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गाज़ा संघर्ष विराम निर्णायक मोड़ पर, कतर PM ने आगे की राह पर जताई चिंता

कतर के प्रधानमंत्री ने गाजा संघर्ष विराम को निर्णायक मोड़ बताया, लेकिन इसे अस्थायी ठहराव माना. दूसरे चरण में सुरक्षा बल, हमास निरस्त्रीकरण और इजरायली वापसी शामिल है. भारी जनहानि के बीच उन्होंने स्थायी शांति के लिए फिलिस्तीनी राज्य की आवश्यकता पर जोर दिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने शनिवार को कहा कि गाज़ा में चल रहा संघर्ष विराम अब एक महत्वपूर्ण क्षण पर पहुंच चुका है. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब युद्धविराम के पहले चरण का समय समाप्त हो रहा है, जबकि एक इज़रायली बंधक के अवशेष अब भी उग्रवादियों द्वारा सौंपे जाने बाकी हैं.

दोहा में आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने बताया कि अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ दूसरे चरण के लिए जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं, ताकि मौजूदा समझौते को आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति को पूर्ण युद्धविराम नहीं कहा जा सकता, बल्कि यह केवल एक अस्थायी ठहराव है.

स्थिरता और सैन्य वापसी को बताया मूल शर्त

कतर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक इजरायली सेना पूरी तरह गाजा से नहीं हटती और क्षेत्र में सामान्य गतिविधियां बहाल नहीं होतीं, तब तक युद्धविराम को पूर्ण नहीं माना जा सकता. हालांकि दो साल से जारी संघर्ष में यह विराम भारी लड़ाई को रोकने में अहम रहा है, लेकिन गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 10 अक्टूबर से लागू हुए युद्धविराम के बाद भी इजरायली गोलीबारी में 360 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

शिफा अस्पताल ने नई हिंसा की जानकारी देते हुए कहा कि गाज़ा शहर के उत्तर-पश्चिमी इलाके में एक हवाई हमले में दो फिलिस्तीनियों की मौत हुई. हालांकि, इजरायली सेना ने ऐसे किसी हमले से इंकार किया. उनका कहना है कि उनके जवानों ने केवल उन तीन आतंकवादियों को मार गिराया जो पीली रेखा पार कर उत्तरी गाज़ा में उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र में घुस आए थे.

युद्ध विराम का दूसरा चरण अभी शुरू नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 20-सूत्रीय शांति योजना के पहले चरण में संघर्ष विराम लागू हुआ था और इस दौरान गाज़ा के कई बंधकों की अदला-बदली इज़रायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों से की गई.

इजराइल ने पिछले सप्ताह अंतिम बंधक के अवशेषों की वापसी पर चर्चा के लिए अपना प्रतिनिधिमंडल मिस्र भेजा था. लेकिन दूसरा चरण गाजा में तकनीकी सरकार, हमास का निरस्त्रीकरण और इजरायली सेना की धीरे-धीरे वापसी शामिल है, अभी शुरू नहीं हुआ है.

सूत्रों के अनुसार, युद्धविराम की निगरानी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय निकाय का गठन इस वर्ष के अंत तक होने की उम्मीद है. इस योजना में लंबे समय में फिलिस्तीनी स्वतंत्रता का एक “संभावित मार्ग” भी प्रस्तावित है.

फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना पर जोर

कतर के प्रधानमंत्री के अनुसार, शांति का स्थायी समाधान तभी संभव है जब फिलिस्तीनियों को अपने स्वतंत्र राज्य का अधिकार मिले, जिसका इजराइल की मौजूदा सरकार विरोध करती है. उनका कहना था कि केवल गाजा की मौजूदा स्थिति को संभालना काफी नहीं, बल्कि जड़ से समस्या को हल करना होगा. उन्होंने कहा कि संघर्ष केवल गाजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पश्चिमी तट और व्यापक फिलिस्तीनी अधिकारों से जुड़ा मामला है.

अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल को लेकर सवाल

तुर्की के विदेश मंत्री हकान फ़िदान ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल (ISF) की भूमिका और संरचना को लेकर कई सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि इसमें कौन से देश शामिल होंगे, इसकी कमान किसके हाथ में होगी और इसका पहला मिशन क्या होगा. इजराइल ने तुर्की की भागीदारी को पहले ही खारिज कर दिया है, जबकि तुर्की युद्धविराम के गारंटर देशों में से एक है.

गाजा में भारी जनहानि

यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को उस समय शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व वाले उग्रवादियों ने इज़राइल पर हमला कर लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़राइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 70,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की है. मंत्रालय के आँकड़े अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा विश्वसनीय माने जाते हैं.

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07 December 2025, 08:43 AM IST

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